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Petrol Mehnga Kyu: आखिर क्यों आसमान छू रहें हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें वजह

Petrol Mehnga Kyu: मार्च-अप्रैल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा नहीं हुआ। दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद चार मई से दाम बढ़ना फिर शुरू हो गए। मई में कुल 16 बार तेल की कीमतों में इजाफा हुआ।

Ashish Lata
Written By Ashish LataPublished By Shivani Awasthi
Published on: 30 Jun 2021 4:01 PM IST (Updated on: 30 Jun 2021 8:11 PM IST)
Petrol Ka Dam
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पेट्रोल पंप कर्मी (Concept Image Social Media)

Petrol Mehnga Kyu : देश में इन-दिनों पेट्रोल-डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Ki Kimat) आसमान छूती नजर आ रही है। 100 से ज्यादा जिलों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर (Petrol 100 Rs Mehnga) के पार पहुंच गया है। जहां पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Hike) की अनियंत्रित बढ़ती कीमत आम नागरिकों की जेब पर असर डाल रही है। केंद्र का कहना है कि कच्चे तेल के दाम (Crude Oil) बढ़ने से देश में ईंधन के दाम (Oil Price) बढ़ रहे हैं।

मई-जून में कितनी बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमत

मार्च-अप्रैल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत में इजाफा नहीं हुआ। दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद चार मई से दाम बढ़ना फिर शुरू हो गए। मई में कुल 16 बार तेल की कीमतों में इजाफा हुआ। दिल्ली में मई में पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ। वहीं जून में अबतक 6 बार दाम बढ़ चुके हैं। जून में पेट्रोल 1.66 रुपये जबकि डीजल 1.60 रुपये महंगा हुआ है। साल 2021 में अब तक कीमतें 48 बार बढ़ी हैं। इस दौरान पेट्रोल 12.14 रुपये महंगा हुआ।

इन राज्यों में पेट्रोल 100 के पार (Petrol 100 Ke Par)

इन राज्यों में पेट्रोल 100 के पार: महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल।

इन शहरों में भी पेट्रोल ने लगाया शतक

मुंबई, रत्नागिरी, परभणी, औरंगाबाद, जैसलमेर, गंगानगर, बांसवाड़ा, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, गुंटूर, काकीनाडा, चिकमगलूर, शिवमोग्गा, हैदराबाद, लेह, इम्फाल, कालाहांडी, सोपोर, बारामूला, पटना, सेलम, तिरुवनंतपुरम, मोहाली और दार्जिलिंग।

पिछले 7 सालों में कितना बढ़ा दाम?

हर साल पेट्रोल-डीजल महंगा ही होता जा रहा है. लेकिन पिछले सात सालों में कीमतों में कुछ ज्यादा ही इजाफा हुआ है. इस दौरान पेट्रोल-डीजल में 30-35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है.
-2014-15- पेट्रोल 66.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 50.32 रुपये प्रति लीटर
-2015-16- पेट्रोल 61.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 46.87 रुपये प्रति लीटर
-2016-17- पेट्रोल 64.70 रुपये प्रति लीटर, डीजल 53.28 रुपये प्रति लीटर
-2017-18- पेट्रोल 69.19 रुपये प्रति लीटर, डीजल 59.08 रुपये प्रति लीटर
-2018-19- पेट्रोल 78.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 69.18 रुपये प्रति लीटर
-2019-20- पेट्रोल 71.05 रुपये प्रति लीटर, डीजल 60.02 रुपये प्रति लीटर
-2020-21- पेट्रोल 76.32 रुपये प्रति लीटर, डीजल 66.12 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स वसूल रही हैं सरकारें?

सरकार का कहना है कि दाम तो अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की वजह से बढ़ रहे हैं। लेकिन असल में एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकारें आपकी जेब से टैक्स के रूप में पैसा वसूल रही हैं। पेट्रोल पर केंद्र सरकार राज्यों के मुकाबले ज्यादा टैक्स ले रही है। राज्य सरकारों की ओर से पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया बिक्री कर या वैट हर राज्य में अलग-अलग होता है।
औसतन राज्य सरकारें एक लीटर पेट्रोल पर करीब 20 रुपये और केंद्र सरकार करीब 33 रुपये टैक्स लेती है। यानी कि पेट्रोल-डीजल पर जनता का आधे से ज्यादा पैसा सरकार को टैक्स के रूप में जा रहा है।


Shivani

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