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Petrol Price Hike: पेट्रोल की कीमतों से छंटे संशय के बादल, पेट्रोलियम मंत्री का आया बड़ा बयान
Petrol Price Hike : पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज राज्यसभा में पेट्रोल कीमतों पर सरकार का पक्ष रखा। साथ ही, तुलनात्मक समीक्षा के जरिए समझाया।
Petrol Price Hike: संसद के बजट सत्र (parliament budget session) का दूसरा चरण आज 14 मार्च से शुरू हुआ। इस दौरान, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने राज्यसभा में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (petrol and diesel prices) को लेकर भारत सहित अन्य देशों की तुलनात्मक समीक्षा की। हरदीप पुरी ने कहा, कि अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, स्पेन तथा श्रीलंका की तुलना भारत में पेट्रोल की कीमतें सिर्फ 5 प्रतिशत बढ़ी हैं।
राज्यसभा में अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'मेरे पास यूएसए, कनाडा, स्पेन, श्रीलंका, जर्मनी, यूके, फ्रांस और भारत के लिए तुलनात्मक डेटा है। उन सभी देशों में इस दौरान पेट्रोल की कीमत में 50 प्रतिशत, 55 फीसद, 58 फीसदी, 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत में यह केवल 5 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने आगे कहा, जब देश में उपभोक्ताओं को जरूरत थी, तब हमने राहत दी।
आने वाले समय में और कदम उठाएंगे
देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आज संसद में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 'जब हमने देखा कि देश में उपभोक्ताओं को राहत देने की जरूरत है, तो प्रधानमंत्री ने 5 नवंबर 2021 को दरों में कटौती की थी। इसके बाद भी हमने कुछ कदम उठाए हैं। आने वाले समय में और अधिक कदम उठाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, 9 राज्यों ने ऐसा नहीं किया। कराधान (taxation) केवल एक पहलू है। हमें उपभोग के बिंदु पर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना है।'
कीमत बढ़ने की थी आशंका
दरअसल, देश में बीते कुछ दिनों से कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, अभी तक ऐसा देखने को नहीं मिला है।
रूस-यूक्रेन विवाद के बाद आसमान पर कीमतें
गौरतलब है कि, रूस-यूक्रेन विवाद के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली थी। लेकिन अब कीमतों में धीरे-धीरे कमी देखने को मिल रही है। आज 14 मार्च को को शुरुआती कारोबार के दौरान तेल की कीमतों में लगभग 4 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट देखी गई। वहीं, ब्रेंट क्रूड वायदा 4.12 डॉलर या 3.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ 108.55 डॉलर प्रति बैरल (0115 जीएमटी) पर था। लेकिन, पिछले महीने 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी के हमले के बाद कच्चे तेल की कीमतें तेजी से बढ़ती चली गई। एक समय ऐसा भी आया जब तेल की कीमतें साल 2008 के बाद के सबसे ऊंचाई वाले स्तर तक पहुंच गई थीं।