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Retirement Planning: अभी से करिए ये उपाय, रिटायरमेंट के बाद भी खुशहाली के साथ कटेगा पूरा जीवन
Retirement Planning: आप अभी से अपने रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करें। आप नौकरी करते ही बचत करें। जो आपके रिटायरमेंट के बाद काम आएगा और आपकी यह प्लानिंग आपके रिटायरमेंट के बाद आपके जीवन को खुशहाल रखेगी।
Retirement Planning: अगर आप चाहते हैं कि जिस तरह से नौकरी में आप का जीवन खुशहाल है उसी तरह रिटायर के बाद भी रहे तो आपको इसके लिए चालीस साल या उससे कम उम्र से ही तैयारी करनी होगी ताकी आपका रिटायरमेंट के बाद जीवन अच्छे तरीके से कटे और पैसे की आपके पास कमी न रहे। तो देर की बात की है आप अभी से अपने रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग करें। आप नौकरी करते ही बचत करें। जो आपके रिटायरमेंट के बाद काम आ सके।
इस बात का ध्यान रखें शादी करने या छुट्टी मनाने के लिए कर्ज उपलब्ध है पर, सेवानिवृत्त होने के बाद आपको आसानी से कर्ज नहीं मिलेगा। इसका मतलब साफ है कि आप नौकरी के वर्षों में जो बचत या निवेश करते हैं, वही सेवानिवृत्ति के बाद आपकी मदद करेगा।
संपत्तियों की सूची बनाएं...
आप अपने वित्तीय और अन्य संपत्तियों की एक सूची बनाएं ताकि आप यह जान सकें कि आपके पास क्या है। लॉकर में रखे सोने, घर के कीमती सामान, बैंक में जमा पैसे और अपने निवेश को सूचीबद्ध करना शुरुआती चरण है। अपने पास रखे सोने और आभूषणों का अनुमानित मूल्य पता करें। इससे यह जानकर आप खुशी महसूस कर सकते हैं कि आपके पास जो पैसे हैं, वे रिटायरमेंट के बाद आपके काम आएंगे।
बचत और निवेश की रणनीति बनाएं-
किसी के लिए यह अनुमान लगाना असंभव है कि रिटायरमेंट के बाद आप कितने वर्षों तक जीवित रहेंगे। इसलिए, आपको अपनी लाइफ स्टाइल से बिना समझौता किए बचत व निवेश को काफी समय तक बनाए रखने की रणनीति बनाने की जरूरत है। इसका अर्थ यह नहीं है कि सबकुछ बैंक में ही रखना होगा। रणनीति का अर्थ यह है कि आपने जो पैसे बैंक में जमा कर रखें हैं या कहीं पर निवेश किया है, वह महंगाई की तुलना में अधिक दर से बढ़े। इसके अलावा, आप अपने मंथली और एनुअल खर्चों का अनुमान लगाएं। इस तरह से आप जान सकते हैं कि पेंशन नहीं होने पर भी आपको एक निश्चित आय स्रोत बनाने के लिए कितनी राशि की जरूरत है।
कठोर फैसले को रहें तैयार
आप सोच समझ कर कठोर फैसले लेने को तैयार रहें। सेवानिवृत्ति के बाद पैसे की तंगी से बचने के लिए आप अपने बड़े घर को बेच दें और छोटे आवास में चले जाएं। बच्चों की अलग-अलग प्राथमिकताएं होती हैं और आपके लिए यह उम्मीद करना और सोचना कि वे घर के साथ आपके भावनात्मक जुड़ाव को समझेंगे। रिटायरमेंट के बाद भी बाद भी आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों की मदद करना चाहेंगे, लेकिन यह तभी संभव हो सकता है, जब आपके पास पर्याप्त पैसा हो। अगर आपने यह पैसा बच्चों को सौंप दिया तो आपके बहुत सारे पैसे उनके पास फंस जाएंगे, जिससे बचा जा सकता है।
...तो तभी आएगी मुश्किल
यह कभी भी मत सोचिए कि रिटायरमेंट के बाद आपको अपनी जीवनशैली से समझौता करने की जरूरत है। यह मुश्किल तभी आपको आएगी, जब आपने बहुत कम सेविंग की हो। आप अपने रिटायरमेंट की एक आइडियल प्लानिंग अच्छी तरह से बनाएं। पर्याप्त सेविंग और इनवेस्टमेंट के बल पर आप रिटायरमेंट के बाद भी अपना जीवन खुशहाली से जी सकते हैं। फैसला लेने से पहले आप अपने रिटायरमेंट की तैयारियों पर काफी गंभीरता से सोच विचार करें। यह आपके जीवन का बहुत इमोशनल और चैलेंजिंग चरण है, जो आपकी अच्छी तैयारी होने पर आपके लिए आनंददायक हो सकता है।
नॉमिनी है जरूरी, वसीयत भी बनाएं
रिटायरमेंट का समय करीब आने पर आप अपनी संपत्ति से उन चीजों को अलग कर दें, जिन्हें आप दान करना चाहते हैं, बच्चों को देना चाहते हैं या अपने लिए रखना चाहते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि बच्चों के लिए सब कुछ छोड़ने के दिन अब लद गए हैं। खासकर, उस स्थिति में जब बच्चे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों। यह जरूर सुनिश्चित करें लें कि आपकी वित्तीय संपत्तियों (निवेश, बैंक और घर) में नॉमिनी का स्पष्ट उल्लेख हो। इसके लिए एक वसीयत बनाएं और उसमें स्पष्ट तौर से यह तय कर लें कि आप आप किसे क्या देना चाहते हैं। अगर आपको लगता है कि आप इन चीजों का मैनेजमेंट और नियंत्रण कर सकते हैं तो जल्दबाजी में यह काम अपने आश्रितों को न सौंपें। वसीयत यह सुनिश्चित करने के लिए एक बैकअप प्लान है कि आपकी इच्छाएं पूरी हों।
व्यावहारिक बनें
आप उन गलतियों को करने से बचें, जो कई लोग करते हैं। भारतीयों के पास घर के रूप में अत्यधिक तरल संपत्ति होना आम बात है। यहां इस बात का ध्यान रखें कि आपके घर की कीमत भले ही बहुत अधिक हो, लेकिन जब आप इसमें रहते हैं तो यह आपको कोई पैसा नहीं देता। इसका अर्थ है, अगर सेवानिवृत्ति के बाद आपके पैसे खत्म हो जाते हैं, तो घर होने के बावजूद आपको गरीबी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए, आप व्यावहारिक बनें। दिक्कतों से अपने प्रिय घर में भी रिटायरमेंट के बाद बिना पैसे के रहना आपके लिए आरामदायक नहीं होगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान-
-बचत का मतलब यह नहीं है कि सब कुछ बैंक में रखना है। यह जरूर देखें कि बचत पर रिटर्न महंगाई से अधिक हो।
-आपका यह उम्मीद करना बिल्कुल अनुचित है कि बच्चे घर के साथ आपके भावनात्मक जुड़ाव को समझेंगे।
-अपने बड़े घर को बेचकर छोटे आवास में जाना अपका अच्छा फैसला होगा।
खर्चों पर रखें नियंत्रण-
आप अपने खर्चों पर नियंत्रण जरूर रखें। रिटायमेंट के शुरुआती वर्षों में सेविंग से जितना हो सके उतना ही कम निकालें। अगर आप इनवेस्ट करना जारी रखते हैं तो तुरंत पैसे खत्म होने की चिंता न करें। सुनिश्चित करें कि खर्चों पर नियंत्रण रहे। जो जरूरत की चीजें हों उन्हें पर खर्च करें अनावश्यक चीजों पर पैसे ना खर्च करें।