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Employees Provident Fund: प्राइवेट सेक्टर के इन कर्मचारियों का PF भरेगी सरकार, जानें नियम व शर्तें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में दिये जाने वाले योगदान (Provident fund contribution) में सरकारी मदद के जरिये कंपनियों को नए रोजगार पैदा करने, रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए प्रोत्साहन दिया गया।
Employees Provident Fund: प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में रजिस्टर संस्थान ही इस योजना में शामिल हैं। इस योजना के तहत नए वर्करों के भविष्य निधि खातों (Provident fund account) में अंशदान का दायित्व कुछ समय के लिए सरकार अपने ऊपर लेती है। योजना से इस कोरोना काल की महंगाई से लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी।
ABRY के बजट से तहत 21.42 लाख लोगों को फायदा मिला-निर्मला सीतारमण
इस सम्बन्ध में बीते हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 18 जून 2021 तक योजना के तहत 21.42 लाख लोगों को फायदा मिला जिस पर 902 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये लाभार्थी 79,577 कंपनियों से जुड़े हैं। सीतारमण ने कहा कि यह योजना 30 जून 2021 तक वैध थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है।
क्या है आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY)
गौरतलब है कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) की शुरुआत पिछले साल 1 अक्टूबर को की गई थी। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में दिये जाने वाले योगदान (Provident fund contribution) में सरकारी मदद के जरिये कंपनियों को नए रोजगार पैदा करने, रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए प्रोत्साहन दिया गया। योजना के तहत 58.50 लाख अनुमानित लाभार्थियों के लिए 22,810 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।
क्या होगी इसकी पात्रता
इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में होने वाले खर्च के लिए कैबिनेट ने 1,584 करोड़ रुपये की धनराशि और पूरी योजना अवधि 2020-2023 के लिए 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को अनुमति दी है। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में कर्मचारियों की संख्या 1,000 तक है वहां भर्ती होने वाले नए कर्मचारियों के दोनों तरफ (नियोक्ता व कर्मचारी) का पीएफ योगदान (वेतन का 24 फीसद) केंद्र सरकार करेगी। जिन रोजगार प्रदाता संगठनों में 1,000 से अधिक कर्मचारी हैं वहां केन्द्र सरकार नए कर्मचारियों के संदर्भ में दो वर्ष की अवधि के लिए ईपीएफ में केवल 12 प्रतिशत कर्मचारी योगदान देगी।
2020 से 2023 तक के लिए 22,810 करोड़ रुपये का आवंटन
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने Jobs के मौके बढ़ाने और कर्मचारियों को राहत के लिए कई कदम उठाए हैं। एबीआरवाई इनमें से एक उपाय है। इसके तहत सरकार ने 2020 से 2023 तक क्रियान्वयन की पूरी अवधि के लिए 22,810 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
नई नौकरियों का सृजन होगा
योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है। योजना में भारत सरकार नयी भर्तियों के मामलों में दो साल तक भविष्य निधि कोष में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा किये जाने वाले कुल 24 प्रतिशत योगदान का भुगतान अपनी तरफ से करेगी। यह सुविधा उन कर्मचारियों के मामले में दी जा रही है जिनका वेतन 15 हजार रुपये मासिक तक है और जिन कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 1 हजार तक है।
इसके नियम एवं शर्तें
फैसले के मुताबिक कोई भी ईपीएफ सदस्य जिसके पास यूनिवर्सल एकाउंट नंबर है और उसका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम है और यदि उसने कोविड महामारी के दौरान पहली मार्च से 30 सितंबर तक की अवधि में अपनी नौकरी छोड़ दी है या छूट गई है और उसे ईपीएफ के दायरे में आने वाले किसी रोजगार प्रदाता संस्थान में 30 सितंबर तक रोजगार नहीं मिला है, वह भी इस योजना के लाभ का पात्र होगा।