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सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए सार्वजानिक खरीद नीति

Mayank Sharma
Published on: 7 Jan 2020 12:08 PM GMT
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए सार्वजानिक खरीद नीति
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क्या है सार्वजानिक खरीद नीति

देश की एमएसई इकाईयों के लिए सार्वजानिक खरीद नीति यानी पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी 1 अप्रैल, 2016 से अनिवार्य कर दिया गया है. एमएसएमईडी एक्ट, 2006 के सेक्शन 11 के अंतर्गत सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों यानि एमएसई इकाईयों के लिए सार्वजानिक खरीद नीति यानि पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी को अधिसूचित किया गया है. 26 मार्च, 2012 को सार्वजानिक खरीद नीति को अधिसूचित किया गया, जबकि 1 अप्रैल, 2012 को इसे लागू कर दिया गया, जबकि 1 अप्रैल, 2015 को इसे मेंडेट्री अथवा अनिवार्य कर दिया गया.

सार्वजानिक खरीद नीति कैसे है सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए फायदेमंद

इस नीति का उद्देश्य एमएसई उद्यमों के उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देना एवं मार्केटिंग अथवा विपणन सहयोग प्रदान करना है. यह नीति प्रतिस्पर्धा अर्थात कम्पटीटिवनेस के मुख्य सिद्धांत पर निर्भर करती है, जो खरीद की स्वस्थ प्रथाओं का पालन करते हुए आपूर्ति को व्यस्थित करते हुए उचित, न्यायसंगत, पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और लागत प्रभावी प्रणाली बनाती है.

यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ़ एमएसएमई द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी फॉर माइक्रो एन्ड स्माल (एमएसई) आर्डर 2012 जारी करते हुए सभी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट्स, सेंट्रल गवर्नमेंट मिनिस्टरीज एवं डिपार्टमेंट्स को आदेश दिया है कि उन्हें अपनी सम्पूर्ण खरीद में 20 प्रतिशत खरीद एमएसई इकाईयों से करना आवश्यक है. जो कि 1 अप्रैल 2015 से अनिवार्य है. पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी में आम एसएमई इकाईयों के अतिरिक्त उपरोक्त 20 प्रतिशत में से 4 प्रतिशत दलित, हरिजन एवं आदिवासी उद्यमिओं द्वारा चलाई जा रही उद्यम इकाईयों को भी आरक्षित किया गया है, इस 4 प्रतिशत में से 20 प्रतिशत हरिजन एवं आदिवासी उद्यमिओं से अनिवार्य खरीद के अंतर्गत आवश्यक है. 1 अप्रैल, 2019 से इस आरक्षित सीमा को 20% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है। इस 25% की सम्पूर्ण खरीद में से 3% महिला उद्यमियों के लिए भी आरक्षित रखा गया है।

केन्द्रीय एमएसएमई मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से इस सन्दर्भ में बताया गया कि मंत्रालय द्वारा सभी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट्स, सेंट्रल गवर्नमेंट मिनिस्टरीज एवं डिपार्टमेंट्स को निर्देश दिया है कि वे पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी फॉर माइक्रो एन्ड स्माल (एमएसई) आर्डर 2012 के सभी प्रावधानों को लागू करें. एमएसई इकाइयों के साथ इन सभी सरकारी विभागों एवं कम्पनियों को आमने सामने की बैठकें नियमित तौर पर आयोजित करना आवश्यक है. पब्लिक प्रोक्योरमेंट पालिसी द्वारा मिल रहे लाभों को समझने एवं इससे होने वाले फायदों के प्रति एमएसई इकाईयों को जागरूक करने हेतु नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रमों को करने की आवश्यकता है.

Mayank Sharma

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