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RBI Board Meeting: नई कर व्यवस्था पर बोली वित्त मंत्री, कहा- मुझे नहीं लगता कि सरकार को प्रलोभन देने की जरूरत है
Nirmala Sitharaman: क्रिप्टोकरेंसी पर रेगुलेशन पर सीतारमण ने कहा कि जी20 देशों के साथ चर्चा चल रही है। अकेले एक देश क्रिप्टोक्यूरेंसी पर विनियमित नहीं हो सकता है।
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2023 पेश करने के बाद शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक में शामिल हुई। इस बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे। इस मौके पर निर्मला सीतारमण ने नई कर व्यवस्था पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सरकार को इसको लाने का उद्देश्य मध्यम वर्ग पर कर का बोझ कम करना है और यह व्यक्ति से कुछ भी दूर नहीं कर रही है।
पैसा कमाने व घर चलाने वाला व्यक्ति है समझदार
उन्होंने कहा कि पैसा कमाने वाला और घर चलाने वाला व्यक्ति इतना समझदार है कि उसके अपना पैसा कहां लगाना है। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था लागू करने के पीछे सरकार का लोगों को कोई प्रलोभन देने नहीं है।
नई टैक्स व्यवस्था से लोगों के पास रहेंगे अधिक पैसे
आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ नई टैक्स व्यवस्था लोगों के पास ज्यादा पैसा छोड़ती है। मध्यम वर्ग के हाथों में कुछ पैसा छोड़ने की कोशिश का सरल कदम बहुत सारे अनुमानों की ओर ले जाता है। नई कर व्यवस्था मध्यम वर्ग पर कर का बोझ कम करने के लिए है। मैंने उन्हें कुछ भी करने से हतोत्साहित नहीं किया है और न ही उन्हें नए शासन में कुछ भी करने के लिए प्रोत्साहित किया है। मुझे नहीं लगता कि सरकार को प्रलोभन देने की जरूरत है। हमने पहले कहा था कि हम आयकर दरों को सरल और कम करेंगे और नई कर व्यवस्था वही जगह है।
क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन पर हो रही चर्चा
क्रिप्टोकरेंसी पर रेगुलेशन पर सीतारमण ने कहा कि जी20 देशों के साथ चर्चा चल रही है। अकेले एक देश क्रिप्टोक्यूरेंसी पर विनियमित नहीं हो सकता है। हम सबके साथ बात कर रहे हैं। क्या एक मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जा सकती है? हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या नियामकीय ढांचा बनाया जा सकता है और यह प्रभावी होगा?
सेवा निर्यात कर रहा अच्छा 27 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
भुगतान संतुलन की स्थिति पर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह बेहद प्रबंधनीय था। उन्होंने कहा कि भुगतान संतुलन की स्थिति को काफी हद तक प्रबंधित किया जा सकता है। सेवा निर्यात बहुत अच्छा कर रहा है। इसमें 27% की वृद्धि हुई है। हालांकि व्यापारिक निर्यात में नरमी है, लेकिन 400 अरब डॉलर के सालाना लक्ष्य को हासिल किया जा रहा है।