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RBI Bulletin: आरबीआई के बुलेटिन में टिप्पणी, कहा-जब तक खाने-पीने की चीजें सस्ती नहीं होतीं, जारी रहेगी महंगाई से लड़ाई

RBI Bulletin: भारतीय रिजर्व बैंक की जून बुलेटिन में कहा गया है कि असाधारण गर्मी और जलाशयों के घटते स्तर से सब्जियों और फलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 19 Jun 2024 8:38 PM IST
RBI Bulletin
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RBI Bulletin: बेकाबू महंगाई से जहां जनता परेशान है तो वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 19 जून यानी बुधवार को अपने नवीनतम मासिक बुलेटिन में दावा किया है कि मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने की प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी जब तक खाद्य पदार्थों की कीमतों पर दबाव बना रहेगा।आरबीआई के अपने ’मासिक अर्थव्यवस्था की स्थिति’ लेख में कहा कि जब तक खाद्य कीमतों का दबाव बना रहता है, तब तक मुद्रास्फीति को उसके लक्ष्य (4प्रतिशत) पर लाने की कोशिशें जारी रहेंगी। केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य 4 प्रतिशत निर्धारित किया है, जिसमें दोनों तरफ 2 प्रतिशत की छूट है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा जो मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में तीन आरबीआई प्रतिनिधियों में से एक हैं, लेख के सह-लेखकों में से एक हैं। आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, लेख में व्यक्त विचार केंद्रीय बैंक के आधिकारिक रुख को नहीं दर्शाते हैं।


प्रचंड गर्मी से सब्जियों और फलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

आरबीआई के जून बुलेटिन के अनुसार देश में पड़ रही असाधारण गर्मी और जलाशयों के घटते स्तर से सब्जियों और फलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है और यह स्थिति नीति निर्माताओं के लिए नई परेशानी पैदा कर सकती है।बुलेटिन के अनुसार गंभीर हीटवेव महंगाई को कम करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में बाधा पैदा कर रहा है। बुलेटिन में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक खुदरा मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने की कोशिश कर रहा है, पर यह प्रक्रिया अस्थिर और उच्च खाद्य कीमतों से बाधित हो रही है।


गवर्नर ने कहा- रबी फसलों के आवक की निगरानी की आवश्यकता

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक के बुलेटिन में कहा, असाधारण गर्मी और जलाशयों का घटा हुआ स्तर सब्जियों और फलों के उत्पादन पर दबाव डाल सकते हैं। दालों और सब्जियों की रबी आवक की भी सावधानीपूर्वक निगरानी करने की जरूरत है।दास ने कहा कि भारत में खुदरा मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल की अवधि में नरम हुई, लेकिन खाद्य पदार्थों की उच्च कीमतों के कारण अपेक्षित राहत नहीं मिली। इस समय देश के कई हिस्सों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। खासकर उत्तर भारत में इस समय हीटवेव चल रही है, जिसका आम जनजीवन के साथ फसलों पर भी साफ असर पड़ रहा है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में लू की स्थिति अभी लंबे समय तक बनी रह सकती है, हालांकि वहीं जल्द ही मानसून से कुछ राहत मिलने की भी उम्मीद है।



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Shalini singh

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