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RBI Repo Rate: अब कर्ज व ईएमआई होंगे महंगे, आरबीआई ने रेपो रेट में की 0.35% की बढ़ोतरी
RBI Repo Rate Increase: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि अभी देश में महंगाई चिंता का विषय बना हुआ है। केंद्रीय बैंक ने इस साल कुल 5 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है।
RBI Repo Rate Increased: देश में बढ़ती महंगाई को मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक बार फिर नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की है। तीन दिन तक चली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों की बुधवार को जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने बताया कि महंगाई को देखते हुए रेपो रेट में 0.35 फीसदी यानी 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी पर आ गया है। आरबीआई के इस कदम के बाद से अब देश में होम लोन सहित सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। साथ ही, लोन पर चल रही लोगों की ईएमआई पर भी महंगाई हो जाएंगी। इस बढ़ोतरी को मिलाकर आरबीआई ने इस साल कुल पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी चुका है।
रेपो रेट बढ़ोतरी में एमपीसी के 5 सदस्य थे पक्ष पर
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसलों को आज मीडिया में बताया हुए केंद्रीय बैंक के गर्वनर गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि देश में महंगाई अभी कम नहीं हुई है, जोकि चिंता का विषय है। इसको देखते हुए केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की है। दास ने बताया कि रेपो रेट की बढ़ोतरी के पक्ष में एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य थे। देश में लिक्लिवडिटी को लेकर कोई समस्या नहीं होगी।
इस साल जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रह सकती
दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ में कटौती की है। दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रह सकता है। पहले आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान 7 फीसदी का था। दास का कहना है कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.1% संभव है। इसके अलावा FY24 की पहली तिमाही में CPI 5% और FY24 की दूसरी तिमाही में CPI 5.4% रहने की संभावना है। दास ने कहा कि देश में अगले 12 महीने तक महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रह सकती है। महंगाई अभी भी आरबीआई के तय लक्ष्य के ऊपर रहने के आसार है।
तरलता की स्थिति में सुधार तय
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक सिस्टम में तरलता लाने के लिए एलएएफ संचालन करने के लिए तैयार है। "तरलता की स्थिति में सुधार होना तय है। भारित औसत उधार दर मई-अक्टूबर में 117 बीपीएस बढ़ी है। दास का अनुमान है कि सर्दियों की फसल आने के साथ ही मुद्रास्फीति में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल एशिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है।
अर्थव्यवस्था बनी हुई है लचीली
केंद्रीय बैंक ने कहा कि भारतीय कॉर्पोरेट पहले की तुलना में काफी ठीक है। भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है। हमारी मुद्रास्फीति दुनिया के अधिकांश हिस्सों में उच्च बनी हुई है। आरबीआई प्रमुख ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने मूल रूप से विश्व आर्थिक दृष्टिकोण को बदल दिया है। उभरते देश सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कुल 5 बार हो चुकी रेपो रेट में बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक ने इस साल अब तक कुल पांचवीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है। इससे पहले आरबीआई ने अगस्त में रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी,जिसके बाद यह बढ़कर 5.40 फीसदी हो गया था। उससे पहले जून में केंद्रीय बैंक ने 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। तब रेपो रेट बढ़कर 4.90 फीसदी हो गया था, जबकि अप्रैल में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी, लेकिन मई में आरबीआई ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40% कर दिया था। तब से लेकर अब तक केंद्रीय बैंक महंगाई को रोकने के लिए 5 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर चुका है। आज हुई बढ़ोतरी के बाद देश में रेपो रेट 6.25 फीसदी हो गया है।