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UPI Transaction Limit: शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए UPI लेन देन की सीमा में RBI ने किया इजाफा, जानिए डिटेल
UPI Transaction Limit Hike: शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत UPI लेनदेन की सीमा मंज इजाफा कर दिया है। अभी तक ये राशि जहां मात्र एक लाख थी इसे बढ़ाकर अब पूरे 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
UPI Transaction Limit Hike: भारत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के विकास की दिशा में तेज़ी काम किया जा रहा है। इसी क्रम में आरबीआई ने आज देशवासियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्हे सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आज (8 दिसंबर) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लेनदेन के नियमों में बदलाव किया है। इस बड़े बदलाव बाद अब शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत UPI लेनदेन की सीमा में इजाफा कर दिया है। अभी तक ये राशि जहां मात्र एक लाख थी इसे बढ़ाकर अब पूरे 5 लाख रुपये कर दिया गया है। पहले यूजर्स जिन्हे ज्यादा राशि की जरूरत होती थी लेकिन सुविधा उपलब्ध न होने के कारण वे एक बार में 1 लाख रुपये का ही लेनदेन कर पाते थे। लेकिन अब इस नए नियम के लागू होने के बाद UPI उपभोक्ताओं को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब जरूरत के मुताबिक 5 लाख तक की राशि नए नियम लागू के तहत यूजर्स शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने में खुद को सक्षम पा सकेंगे।
ई-जनादेश की नई सीमाओं की भी आरबीआई ने की घोषणा
RBI गवर्नर ने कहा है कि अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण यानी AFA की सीमा बढ़ने से ई-जनादेश के उपयोग में और अधिक तेजी आएगी। जिसके तहत नियम में भी हुआ बदलाव किया गया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज UPI लेनदेन की सीमा में बदलाव करने के साथ ई-जनादेश की नई सीमाओं की भी घोषणा कर दी गई है। RBI ने AFA की सीमा को बढ़ाने की दिशा में पहल करते हुए अब बीमा और क्रेडिट कार्ड एवं म्यूचुअल फंड निवेश आदि के भुगतान के लिए अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण (AFA) की सीमा जो अब तक सिर्फ 15,000 हजार थी। इसमें में इजाफा करते हुए अब बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। जिसके बाद अब इन सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई राशि काफी ज्यादा सुविधाजनक साबित होगी।
वित्तीय क्षेत्र में बदलाव के लिए इन पॉलिसी पर भी आरबीआई कर रहा काम
RBI वित्तीय क्षेत्र में समय के अनुरूप बदलाव को देखते हुए तेज़ी से नई पॉलिसी को अपनाने की ओर आगे बढ़ रहा है। आरबीआई ने आज शुक्रवार को फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र में विकास की क्षमता को विकसित करने के साथ ही क्षेत्र का समर्थन करने के लिए फिनटेक रिपोजिटरी को स्थापित किया जाना आज की महती आवश्यकता बन चुका है। साथ ही RBI वित्तीय क्षेत्र के लिए क्लाउड सुविधा की स्थापना पर भी काम कर रहा है। क्लाउड सुविधा के शामिल होने के बाद आरबीआई व्यापार के क्षेत्र में पहले से और ज्यादा बेहतर निरंतरता के साथ इसके विस्तामर में सहयोगी साबित हो सकेगा। वहीं RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात की भी पुष्टि की कि फिनटेक रिपोजिटरी को रिजर्व बैंक इनोवेशन हब की तरफ से अगले साल यानी 2024 अप्रैल महीने में आरंभ किया जा सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों के संचालन और नवाचारों पर व्यापक डेटा इकट्ठा करने के लिए डिज़ाइन की गई फिनटेक रिपॉजिटरी पहल की स्थापना की घोषणा की है। यह पहल केंद्रीय बैंक के वक्तव्य का हिस्सा है, जिसे आज जारी किया गया। आरबीआई द्वारा की जा रही इस पहल से फिनटेक संस्थाओं को स्वैच्छिक जानकारी साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा साथ ही आरबीआई द्वारा गढ़ी जाने वाली नियामक नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।