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RBI Monetary Policy: आरबीआई ने दी लोगों को बड़ी राहत, रेपो रेट रखा यथावत

RBI Monetary Policy: मुद्रास्फीति पर गवर्नर दास ने 2023-24 के लिए पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालाँकि, मौजूदा तिमाही के लिए अनुमान पहले के 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया था।

Neel Mani Lal
Published on: 8 Feb 2024 5:54 AM GMT
RBI Monetary Policy: आरबीआई ने दी लोगों को बड़ी राहत, रेपो रेट रखा यथावत
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RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार छठी बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह फैसला 5-1 के बहुमत से लिया गया है।

रेपो रेट में आखिरी बार बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था, जब इसे 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया गया था। मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 250 आधार अंक (बीपीएस) की बढ़ोतरी की गई। शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में 250 आधार अंक की बढ़ोतरी का असर अभी पूरी तरह सामने नहीं आया है।

महंगाई का अनुमान

मुद्रास्फीति पर गवर्नर दास ने 2023-24 के लिए पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालाँकि, मौजूदा तिमाही के लिए अनुमान पहले के 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया था। वित्त वर्ष25 के लिए, मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है।

आरबीआई एमपीसी का फैसला ऐसे समय आया है जब भारत में मुद्रास्फीति की दर सितंबर 2023 के बाद से चार महीनों के लिए 6 प्रतिशत से नीचे रही है। हालांकि, यह अभी तक 4 प्रतिशत के लक्ष्य तक नहीं पहुंची है। दिसंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी थी। पिछले साल अक्टूबर में मुद्रास्फीति घटकर 4.87 प्रतिशत हो गई थी लेकिन नवंबर में बढ़कर 5.55 प्रतिशत हो गई।

सीमांत स्थायी सुविधा दर को भी 6.75 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है। स्थायी जमा सुविधा दर 6.25 फीसदी रखी गई है।

जीडीपी अनुमान

भारत की अर्थव्यवस्था पर दास ने कहा कि 2023-24 में जीडीपी 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 25 के लिए, जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7 प्रतिशत रखा गया है।

आप पर क्या होगा असर

- मकान खरीदने वालों को अपेक्षाकृत किफायती होम लोन ब्याज दरों का लाभ बरकरार रहेगा।

- अपरिवर्तित होम लोन दरें समग्र सकारात्मक उपभोक्ता भावनाओं को बनाए रखने में मदद करेंगी।

- रियल एस्टेट मार्केट को मजबूती बरकरार रहेगी।

क्या है रेपो रेट

रेपो रेट से तात्पर्य उस दर से है जिस पर वाणिज्यिक बैंक केंद्रीय बैंक को अपनी प्रतिभूतियों को बेचकर पैसा उधार लेते हैं, जबकि रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक पैसा उधार लेता है। ये दरें अर्थव्यवस्था में व्यवसायों द्वारा ऋण और निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अर्थव्यवस्था की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बाजारों और सामान्य कारोबारी धारणा की कुंजी होती है।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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