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न सस्ता होगा कर्ज ब्याज दर, न ही कम होगी आपकी EMI, आरबीआई ने रेपो रेट पर लिया ये फैसला, एक्सपर्ट बोले
RBI MPC Results: दरअसल, लोग उम्मीद कर रहे थे, आरबीआई इस बार की MPC बैठक में रेपो रेट में कुछ कटौती कर सकता है, ताकि बैंक अपने कर्ज ब्याज दरों में कुछ कटौती करें और लोगों को ईएमआई से राहत मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। अभी लोगों को इसके लिए और इंतजार करना पड़ेगा।
RBI MPC Results: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार छठी बार रेपो दरों को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को ऋण देता है। यह निर्णय मंगलवार (6-8 फरवरी) को शुरू हुई तीन दिवसीय आरबीआई की मौद्रिक नीति समीति की बैठक के बाद आया है। भले ही आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव न कर लोगों को राहत देना का काम किया हो, लेकिन अगर देखा जाए तो आरबीआई का यह फैसला एक बार से लोगों को झटका दिया है। दरअसल, लोग उम्मीद कर रहे थे, आरबीआई इस बार की MPC बैठक में रेपो रेट दर में कुछ कटौती कर सकती है, जिससे कर्ज ब्याज दरों में गिरावट आए और ईएमआई कुछ कमी आए, जो कि ऐसा नहीं हुआ। फिलहाल इसके लिए अभी लोगों को इंतजार करना पड़ेगा।
6.5 फीसदी पर रखा रेपो रेट, खाद्य महंगाई पर रहेगी नजर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी खाद्य मुद्रास्फीति पर नजर रखेगी, ताकि प्राप्त लाभ बर्बाद न हो। हालांकि एसबीआई की रिचर्स रिपोर्ट से पता चला है कि केंद्रीय बैंक अगली होने वाली एमपीसी बैठक में रेपो रेट कटौती को लेकर फैसला ले सकता है।
घर खरीदने वालों में मिला बोसन
एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि सभी वैश्विक प्रतिकूलताओं और मुद्रास्फीति के नियंत्रण में होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत रहने के साथ, आरबीआई ने एक बार फिर रेपो दरों को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, इस प्रकार उसने अपनी पिछली दो नीतियों में घर खरीदारों को त्योहारी बोनस दिया। घोषणाएं इस प्रकार घर खरीदने वालों को अपेक्षाकृत सस्ती गृह ऋण ब्याज दरों का लाभ बरकरार रहता है। अपरिवर्तित गृह ऋण दरें सकारात्मक उपभोक्ता भावनाओं को बनाए रखने में मदद करेंगी। यह देखते हुए कि पिछले साल शीर्ष 7 शहरों में आवास की कीमतें बढ़ी हैं, आरबीआई द्वारा यह राहत घर खरीदारों के लिए एक विशेष लाभ है।
होगा आवासीय क्षेत्र का विकास
मोतिया ग्रुप के निदेशक एलसी मित्तल ने कहा, कि भारत के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए, 2022 तक होम लोन की बढ़ती लागत से होने वाली दिक्कतों का सामना करने के बाद यह यथास्थिति एक राहत के रूप में आती है भले ही अस्थायी हो। वही, गोयल गंगा डेवलपमेंट्स के निदेशक अनुराग गोयल ने कहा कि वर्तमान ब्याज दरों को बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय आवासीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण होगा।
महंगाई को काबू करने का प्रयास जारी
वॉयस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक एवं मार्केट एक्सपर्ट अशवनी राणा का रेपो रेट को यथावत करने पर आरबीआई के फैसले पर कहना है कि केंद्रीय बैंक 2024 की पहली बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। महंगाई दर को काबू में रखने के लिए रिजर्व बैंक के प्रयास जारी हैं। अभी रेपो रेट 6.50 ही रहेगा। इसको न बढ़ाने के पीछे देश में आर्थिक प्रागति को जारी रखने और महंगाई को काबू में रखने का भी ध्यान में रखा है।
उन्होंने कहा कि कर्ज महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टरों पर नेगेटिव असर पड़ता। रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किल बढ़ सकती थीं। ऐसे में आरबीआई ने कर्ज लेने वाले ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की है।