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RBI Monetary Policy: आरबीआई की ब्याज दरों में नहीं होगा कोई बदलाव, मौद्रिक नीति समिति का निर्णय
RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, एमएसएफ रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है।
RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) की मौद्रिक नीति समिति(MPC) की बैठक ने आज नीतिगत दर रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं करने का फैसला किया है। देश में कोरोना की दूसरी लहर की वजह से इस साल अप्रैल और मई माह के दौरान लॉकडाउन के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, एमएसएफ रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया है।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार, रेपो रेट बिना किसी परिवर्तन के साथ 4 प्रतिशत ही रहेगा। साथ ही एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी परिवर्तन के साथ 4.25 प्रतिशत रहेगा। जबकि रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी परिवर्तन के साथ 3.35 प्रतिशत पर रहेगा। जिससे अब ईएमआई में भी कोई परिवर्तन नहीं होगा।
देश में अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच मौद्रिक नीति समिति की ये बैठक बहुत अहम थी। हर दो महीने में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होना तय होता है। समिति की इस बैठक में अर्थव्यवस्था में सुधार पर चर्चा की जाती है। इसके साथ ही ब्याज दरों का फैसला लिया जाता है।
ऐसे में आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने कहा, ''मौद्रिक नीति समिति ने मौद्रिक नीति के मामले में उदार रुख बनाये रखने का निर्णय किया है। हमारे कदम का मकसद वृद्धि को गति देना और अर्थव्यवस्था में संकट को दूर करना है।'' आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
उन्होंने कहा, ''अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से लगे झटके से बाहर आ रही है, टीकाकरण में गति के साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। अर्थव्यवस्था में आपूर्ति-मांग में सुतंलन बहाल करने के लिये काफी कुछ किये जाने की जरूरत है।''
वहीं अब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। ये पहले की तरह चार प्रतिशत पर बरकरार है। इसका मतलब ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।