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RBI MPC 2023: महंगाई पर मंथन आज से शुरू, 8 को आएगा फैसला; EMI ग्राहकों को राहत की उम्मीद कम
RBI MPC meet: भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपना स्थान बनाए हुए है। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी उम्मीद से बढ़कर 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी।
RBI MPC Meet 2023: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय वर्ष 2023-24 की अगली तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक बुधवार यानी 6 दिसंबर को मुबंई में शुरू हो गई है। बैठक 8 दिसंबर तक चलेगी और उसी दिन सुबह RBI गवर्नर शाक्तिकांत दास बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देंगे। इस तीसरी एमपीसी बैठक में RBI रेपो रेट को एक बार फिर अपरिवर्तित छोड़ने की बाजार विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं। मौजूदा समय केंद्रीय बैंक का रेपो दर 6.5% पर है। इससे पहले पहले जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि में उछाल और मुख्य मुद्रास्फीति की सहज प्रवृत्ति के कारण एमपीसी द्वारा लगातार चौथी बार ब्याज दर को स्थिर रखा था और पांचवीं बार इसके यथावत रखने की उम्मीद लगाई जा रही है।
बैठक में ये लोग होंगे शामिल
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कल से शुरू हो रही MPC की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शाक्तिकांत दास करेंगे। इसके अलावा इसमें आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर देबब्रत पात्रा और बाहरी सदस्य में शशांक भिड़े, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा शामिल होंगे। बता दें कि आरबीआई एमपीसी में छह सदस्य होते हैं, जिसकें बाहरी और आरबीआई अधिकारी शामिल होते हैं।
EMI देने वाले ग्राहकों राहत की उम्मीद कम
वॉयस ऑफ बैंकिंग के संस्थापक एवं आर्थिक विशेषज्ञ अशवनी राणा ने कहा कि आज से RBI Monetary policy की मीटिंग शुरू हो गई है। रिजर्व बैंक गवर्नर 8 दिसम्बर को मीटिंग में लिये गए निर्णय की घोषणा करेंगे। रिजर्व बैंक के अंतिम बार फरवरी में रपो रेट में बदलाव किया था। तब से लेकर आज तक रेपो रेट 6.50% है। उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रण में होने और अच्छी विकास दर के कारण रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद कम है, लेकिन EMI देने वाले ग्राहकों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही।
क्या उम्मीद की जा सकती है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक इस सप्ताह अपनी आगामी एमपीसी समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दर को अपरिवर्तित रखेगा। आरबीआई ने पिछली चार द्विमासिक मौद्रिक नीतियों के लिए बेंचमार्क नीति दर (रेपो) को समान स्तर पर बनाए रखा है। आखिरी बार इसमें बदलाव फरवरी 2023 में किया गया था, तब रेपो रेट में वृद्धि की गई है और यह 6.5 फीसदी पर आ गया था। तब से लेकर अभी तक केंद्रीय बैंक ने हुई द्विमासिक मौद्रिक नीतियों नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। बता दें कि बीते साल फरवरी में रूस और यूक्रेन के शुरू हुए युद्ध की वजह से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण भारत में मुद्रास्फीति बढ़ गई थी। इसको रोकने के लिए आरबीआई ने मई 2022 में आपातकालीन मौद्रिक नीति समिति की बैठक कर रेपो रेट में वृद्धि कर दी थी, जिसके बाद इसमें वृद्धि का सिलसिला फरवरी, 2023 तक चला।
जुलाई सितंबर में इतनी फीसदी बढ़ी GDP
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपना स्थान बनाए हुए है। जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी उम्मीद से बढ़कर 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ी। इस वृद्धि को सरकारी खर्च में वृद्धि और विनिर्माण क्षेत्र में प्रगति से बढ़ावा मिला।