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KYC Update: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी ग्राहकों को राहत, री-केवाईसी के लिए नहीं जाना होगा बैंक
KYC Update:आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि जिन ग्राहकों की दोबारा केवाईसी होनी है, उन्हें बैंक शाखा आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। अगर ग्राहक समय समय पर री-केवाईसी नहीं कराते तो बैंक खाता बंद कर सकता है।
KYC Update: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों की री-केवाईसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने री-केवाईसी के लिए ग्राहकों को अनिवार्य बैंक आने की प्रथा को खत्म कर दिया है। मौद्रिक नीति की घोषणा करने के बाद बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास से संवाददाता सम्मेलन के दौरान ग्राहकों की री-केवाईसी के संदर्भ में प्रश्न पूछा गया था। इस पर उत्तर देते हुए दास ने मीडिया को बताया कि जिन ग्राहकों की केवाईसी हो चुकी है, उन्हें अब फिर से बैंक में री-केवाईसी करने के लिए आने की जरूरत नहीं है, वह ऑनलाइन भी उसे कर सकते हैं। हालांकि ग्राहक को अगर पता अपडेट कराना है तो उन्हें शाखा आना अनिवार्य है।
बैंक बुलाने पर ग्राहक दर्ज करा सकते शिकायत
दास ने कहा है कि जिन ग्राहकों की दोबारा केवाईसी होनी है, उन्हें बैंक शाखा आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है और री-केवाईसी के लिए ऑनलाइन कराने को कहा सकता है। यह ग्राहक पर निर्भर करता है कि वह दोबारा केवाईसी बैंक में आकर कराए या फिर ऑनलाइन कराए। यदि बैंक री-केवाईसी के लिए शाखा के दौरे पर जोर देते हैं, तो ग्राहक उपयुक्त अधिकारियों के पास उस बैंक की शिकायत भी कर सकते हैं।
क्या होती है री-केवाईसी ?
भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के आधार पर बैंक ग्राहकों का रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए एक विशिष्ट अंतराल पर पुन: केवाईसी मांगते हैं। यदि कोई व्यक्तिगत या संपर्क जानकारी बदल गई है, तो ग्राहक पुनः केवाईसी के माध्यम से रिकॉर्ड को अपडेट कर सकते हैं। आरबीआई के केवाईसी मानदंड दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंकों को समय-समय पर अपने खाताधारकों के ग्राहक पहचान दस्तावेजों को अपडेट करने की आवश्यकता होती है। खाता खोलते समय किए गए केवाईसी के अलावा, ग्राहकों को फिर से केवाईसी कराने और आवश्यक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता हो सकती है।
पुनः केवाईसी की अवधि क्या है?
बैंकिंग विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा उच्च, मध्यम और निम्न जोखिम वाले ग्राहकों के लिए समय-समय पर केवाईस करने का समय अंतराल क्रमश: 2, 8 और 10 वर्ष है।
री-केवाईसी नहीं कराने पर क्या होता है?
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, यदि बैंक द्वारा समय समय पर ग्राहकों को दोबारा केवाईसी कराने के लिए कहता है। यह बैंक इसलिए करता है,ताकि बैंक ग्राहकों के खाते की सही जानकारी उसके पास हो। अगर ग्राहक समय समय पर केवाईसी अपडेट नहीं कराता है तो बैंक के पास पूरा अधिकार है उसका खाता बंद करने का। इसलिए केवाईसी अपडेट कराना अति महत्वपूर्ण हैं।