TRENDING TAGS :
RBI Repo Rate Hike: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में किया 0.50 % का इजाफा, जानें इसका क्या होगा असर
RBI Repo Rate Hike: मौद्रिक नीति की तीन दिवसीय बैठक संपन्न होने के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मीडिया के सामने आए और रेपो रेट 0.50 % बढ़ाने के निर्णय की जानकारी दी।
RBI Repo Rate Hike: इन दिनों देश में महंगाई को लेकर घमासान मचा हुआ है। चीजों की बढ़ी हुई कीमतों के कारण कम आय वर्ग के लोग जिनकी संख्या सबसे अधिक है, खासे प्रभावित हुए हैं। उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं विपक्ष भी इसे लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर है। इन सबके बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मिडिल क्लास को एक और झटका दे दिया है।
मौद्रिक नीति की तीन दिवसीय बैठक संपन्न होने के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास मीडिया के सामने आए और रेपो रेट 0.50 % बढ़ाने के निर्णय की जानकारी दी। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 4.90 प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत हो गई है। अब इसका असर होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की ईएमआई पर दिखने वाला है। आपको अब अधिक ईएमआई चुकानी होगी।
रेपो रेट का ईएमआई कनेक्शन
रेपो रेट वो दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक से बैंकों को कर्ज मिलता है। इस तरह रेपो रेट के बढ़ने पर बैंकों को आरबीआई से महंगा लोन मिलता है। जिसके कारण बैंक भी आम लोगों को महंगे दर पर लोन देती है। वहीं जब आरबीआई रेपो रेट घटाता है तो बैंक भी ब्याज दरों को कम करते हैं। रिजर्व बैंक रेपो रेट को इसलिए बढ़ाता है ताकि बाजार में कैश की तरलता कम हो और महंगाई पर लगाम लगाई जा सके। बाजार में कैश का फ्लो कम होने से डिमांड घटती है, जिससे महंगाई भी घट जाती है। इसलिए रेपो रेट को महंगाई से लड़ने के लिए रिजर्व बैंक का सबसे ताकतवर टूल माना जाता है।
पहले से चल रहे लोन पर भी बढ़ेगी ईएमआई ?
ब्याज दरें दो तरह की होती हैं फ्लोटर और फ्लेक्सिबल। फ्लोटर में आपके लोन की ब्याज दर शुरू से लेकर अंत तक एक जैसी रहती है। इस पर रेटो रेट में बदलाव का कोई फर्क नहीं पड़ता है। वहीं फ्लेक्सिबल ब्याज दर लेने पर रेपो रेट में बदलाव का फर्क पड़ता है। यदि रेपो रेट सस्ता होगा तो आपकी ईएमआई भी सस्ती हो जाएगी, लेकिन अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो आपकी ईएमआई भी महंगी हो जाएगी। ऐसे में अगर आपने फ्लेक्सिबल ब्याज दर के तहत लोन लिया है तो आरबीआई के ताजा फैसले के बाद आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि घरेलू बाजार में खाने के तेल में कमी, अच्छे मॉनसून और ग्लोबल फूड प्राइसेज में नरमी के कारण आने वाले दिनों में महंगाई के मोर्चे पर राहत देखने को मिल सकती है। हालांकि, फिलहाल महंगाई से राहत की कोई उम्मीद नहीं है।