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Isha Ambani News: नई वैश्विक व्यवस्था को आकार दे रहा है भारत- ईशा अंबानी
Isha Ambani News: ईशा अंबानी ने कहा “दुनिया भर के नेता समान विकास पर चर्चा करने के लिए न्यूयॉर्क में एकत्रित हुए हैं इससे यह स्पष्ट है कि हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है।
Isha Ambani News: न्यूयॉर्क में ‘भारत दिवस @ यूएनजीए सप्ताह’ के दौरान भारत की ग्लोबल साउथ के लीडर के तौर पर उभर रही भूमिका पर चर्चा की गई। चर्चा में भारत सरकार के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने वैश्विक विकास एजेंडे में भारत की लीडरशिप को स्पष्ट किया। ‘टाइगर्स टेल: क्राफ्टिंग ए न्यू डेवलपमेंट पैराडाइम’ नाम से आयोजित चर्चा में विदेश मंत्री के अलावा रिलायंस फाउंडेशन की डायरेक्टर ईशा अंबानी, गुयाना के विदेश मंत्री ह्यूग हिल्टन टॉड, डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन सुल्तान अहमद बिन सुलेयम और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी हरीश ने भाग लिया।
रिलायंस फाउंडेशन, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) और भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के साथ साझेदारी में आयोजित इस कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए रिलायंस फाउंडेशन की निदेशक ईशा अंबानी ने कहा “दुनिया भर के नेता समान विकास पर चर्चा करने के लिए न्यूयॉर्क में एकत्रित हुए हैं इससे यह स्पष्ट है कि हमारी दुनिया तेजी से बदल रही है। विशेष रूप से भारत, नई वैश्विक व्यवस्था को आकार देते हुए सही कदम उठा रहा है। लेकिन यह क्षण केवल बदलाव के बारे में नहीं है - यह एक साथ बेहतर भविष्य बनाने के बारे में है। खासकर युवाओं के बारे में। हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं, लेकिन साथ मिलकर काम करके ही हम वास्तविक प्रगति कर सकते हैं।"
भारत सरकार के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि कैसे ग्लोबल साउथ का नेतृत्व अब एक वास्तविकता बन गया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका को एक बड़े दिल वाले राष्ट्र के रूप में स्वीकार किया गया है, और एक ऐसा देश जिसने ग्लोबल साउथ को फिर से बातचीत में शामिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह देखना महत्वपूर्ण है कि हम प्रौद्योगिकियों का लोकतंत्रीकरण कैसे करते हैं।“
रिलायंस फाउंडेशन, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से “द नेक्स्ट फ्रंटियर: चार्टिंग द कॉन्टूर्स ऑफ द पोस्ट-2030 डेवलपमेंट एजेंडा” का विमोचन आयोजन के दौरान किया गया। इस प्रकाशन में वैश्विक विशेषज्ञों के 27 निबंधों का संग्रह है।