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RBI बदल रहा पेमेंट का तरीका, 1 जुलाई से क्रेडिट डेबिट कार्ड से जुड़े ये नियम होंगे लागू

RBI Payment Guidelines : क्रेडिट-डेबिट कार्ड तथा ऑनलाइन तरीके से होने वाले पेमेंट के नियमों में RBI 1 जुलाई से बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जिससे यह पेमेंट मेथड और अधिक सुरक्षित हो जाएंगे।

Bishwajeet Kumar
Written By Bishwajeet Kumar
Published on: 18 Jun 2022 11:27 AM IST
Credit Debit Card
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Credit Debit Card (Image Credit : Social Media)

Credit Debit Card Rules : आज के समय में एटीएम (ATM) कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) मेथड आने के कारण जहां एक और हमारा काम आसान हुआ है। वहीं, दूसरी ओर ऑनलाइन पेमेंट समेत कई अन्य प्रकार के पेमेंट मेथड के जरिए धोखाधड़ी के मामले भी काफी तेजी से बढ़े हैं। धोखाधड़ी के इन मामलों पर लगाम लगाने के लिए तथा पेमेंट मेथड को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए पिछले साल कार्ड टोकेनाइजेशन (Card Tokenization) सिस्टम की शुरूआत भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से की गई थी। अब इस टोकेनाइजेशन सिस्टम को आरबीआई (RBI) 1 जुलाई से लागू करने जा रही है जिसके बाद क्रेडिट डेबिट कार्ड से जुड़े कई नियम 1 जुलाई से बदल जाएंगे।

होगा यह बड़ा बदलाव

साल 2021 में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के लिए टोकेनाइजेशन गाइडलाइन जारी करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मर्चेंट को यह हिदायत दी कि कोई भी मर्चेंट ग्राहकों के कार्ड का जानकारी अपनी सरवर पर स्टोर नहीं करेगा। ऑनलाइन पेमेंट साइट पर किसी भी ग्राहक के कार्ड से जुड़ी जानकारी सेव ना होने के कारण ऑनलाइन पेमेंट या कार्ड के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शन और अधिक सुरक्षित हो गई। 1 जुलाई से नए नियम लागू होने के बाद से किसी भी ग्राहक कार्ड डिटेल किसी मर्चेंट साइट पर स्टोर नहीं हो सकेगा। इस बदलाव के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी मर्चेंट साइट को कार्ड ऑन फाइल टोकन अनिवार्य कर दिया है। इसमें मर्चेंट साइट को ग्राहकों के कार्ड का डेटा इंक्रिप्टेड टोकन में बदलना होगा और इसके जरिए ही ग्राहक पेमेंट कर सकेंगे। इससे ग्राहकों ऑनलाइन पेमेंट या कार्ड पेमेंट और अधिक सुरक्षित हो जाएगा।

अब ग्राहकों के कार्ड की जानकारी ग्राहकों तक ही रहेगी सीमित

रिजर्व बैंक द्वारा 1 जुलाई से टोकेनाइजेशन सिस्टम लागू किए जाने के बाद अब ग्राहकों के कार्ड से जुड़ी कोई भी जानकारी मर्चेंट साइट अपने पास स्टोर नहीं कर सकेंगे। कार्ड के डाटा से जुड़ी जानकारी की पूरी स्वतंत्रता ग्राहकों के हाथ में होगी। अगर ग्राहक टोकन सिस्टम से सहमत हैं तो उन्हें केवल ओटीपी (OTP) तथा सीवीवी (CVV) डिटेल ही भरनी होगी। हालांकि अगर कोई ग्राहक टोकेनाइजेशन सिस्टम से सहमत नहीं है तो उसे पेमेंट करते वक्त अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सभी जानकारियों को फिल अप करना होगा।



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