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RBI Monetary Policy: महंगाई थामने पर रिज़र्व बैंक का फोकस, जानिये मौद्रिक नीति की बड़ी बातें

RBI Monetary Policy: आरबीआई ने आर्थिक विस्तार का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को 6 फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए अपने नीतिगत रुख को भी जारी रखा है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 Dec 2023 3:34 PM IST (Updated on: 8 Dec 2023 3:37 PM IST)
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RBI Governor Shaktikanta Das  (Photo: social media)

RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और विकास को बढ़ावा देने पर अपना ध्यान केंद्रित रखते हुए अपनी बेंचमार्क रेपो दर 6.5 फीसदी पर बरकरार रखी। जनता के नज़रिए से कहें तो ईएमआई में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है।

आरबीआई ने आर्थिक विस्तार का समर्थन करते हुए मुद्रास्फीति को 6 फीसदी के लक्ष्य के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए अपने नीतिगत रुख को भी जारी रखा है। दूसरे शब्दों में, केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करने के लिए अर्थव्यवस्था में धन आपूर्ति पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद कहा कि मौद्रिक नीति सक्रिय रूप से "अवस्फीतिकारी" रहेगी। उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संदर्भ में केंद्रीय बैंक की लगातार नीतिगत दरों में बढ़ोतरी काम करती दिख रही है।


खाद्य पदार्थों में महंगाई

खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के जोखिम अभी भी प्रमुख कारक बने हुए हैं जो मुद्रास्फीति की दिशा को बदल सकते हैं। दास ने कहा कि, ऊंचे ऋण स्तर, भू-राजनीतिक तनाव और चरम मौसम की स्थिति के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था नाजुक बनी हुई है, और सामान्यता अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था से दूर है।


खास खास बातें

- नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर के 4.87 फीसदी के स्तर से बढ़ जाएगी और मुद्रास्फीति प्रबंधन ऑटो-पायलट मोड पर नहीं हो सकता है।

- 2020 से 2023 तक के वर्ष शायद इतिहास में भारी अस्थिरता के काल के रूप में दर्ज किये जायेंगे।

- भारत की जीडीपी वृद्धि लचीली और मजबूत बनी हुई है, जैसा कि चालू वर्ष के लिए 7 फीसदी की वृद्धि के आरबीआई के अनुमान से पता चलता है।

- रिज़र्व बैंक का दावा है कि उसने मुद्रास्फीति को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट से संकेत मिलता है कि मौद्रिक नीति काम कर रही है।

- आरबीआई के अनुसार मुद्रास्फीति प्रबंधन ऑटोपायलट पर नहीं हो सकता। अनिश्चित खाद्य कीमतों के कारण भविष्य की राह धूमिल होने की आशंका है। नवंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) डेटा ऊंचा होने की संभावना है।

- मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 4 फीसदी मुद्रास्फीति लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उचित कार्रवाई करेगी।

- वित्तीय क्षेत्र की बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है। तनाव के क्षेत्रीय और संस्थान-विशिष्ट संकेतों की सक्रिय रूप से निगरानी की जा रही है और उन्हें मैनेज किया जा रहा है।

- चालू खाता घाटा (सीएडी) मामूली रहने और वित्त-पोषण आराम से होने की उम्मीद है।

- 640 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है जो वैश्विक स्पिलओवर के खिलाफ एक मजबूत बफर प्रदान करता है।

- आरबीआई के कहना है कि भारतीय रुपये की स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों में सुधार और भयानक वैश्विक सुनामी के सामने इसकी लचीलापन को दर्शाती है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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