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RBI Repo Rate: लोन पर बढ़ेगी ब्याज दर, रिजर्व बैंक कर रहा रेपो रेट में इजाफा

RBI Repo Rate: घरेलू बाजार में इम्पैक्ट लोन की ब्याज दरें बढ़ने से होगा। सभी तरह की ईएमआई बढ़ जाएगी।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 26 Sept 2022 2:11 PM IST
rbi repo rate
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रिजर्व बैंक कर रहा रेपो रेट में इजाफा (photo: social media )

RBI Repo Rate: बढ़ती मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार दरों में बढ़ोतरी की जा रही है। और इस क्रम में अब भारतीय रिज़र्व बैंक भी कदम उठाने जा रहा है। माना जा रहा है कि 30 सितंबर को इसकी घोषणा की जाएगी।

रिज़र्व बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी का इम्पैक्ट बाजार से डॉलर तथा विदेशी निवेशकों की बिकवाली के रूप में सामने आएगा जिससे शेयर बाजार और नीचे चले जायेंगे। डॉलर की मजबूती और बढ़ेगी जिसका इम्पैक्ट आयात महंगा होने के रूप में सामने आएगा। घरेलू बाजार में इम्पैक्ट लोन की ब्याज दरें बढ़ने से होगा। सभी तरह की ईएमआई बढ़ जाएगी।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 28 से 30 सितंबर तक होगी। इस बैठक में रेपो दर को 50 आधार अंक (बीपीएस) बढ़ाकर 5.9 फीसदी करने की उम्मीद है। विकास में सुस्ती और मुद्रास्फीति में वृद्धि के चलते ये फैसला लेना पड़ सकता है।

अर्थशास्त्रियों और नीति विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले हफ्ते दरों में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी और डॉलर के मुकाबले रुपये के बहुत नीचे चले जाने से आरबीआई के हाथ मजबूर हैं।

रेपो दर में मई से अब तक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अब तक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकती है। ऐसा होने पर रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी।

मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने और विदेशी मुद्रा बाजारों को स्थिर करने के लिए पिछले सप्ताह फेड रिज़र्व के फैसले के बाद स्विट्जरलैंड से लेकर दक्षिण अफ्रीका के केंद्रीय बैंक उच्च ब्याज दरों की भगदड़ में शामिल हो गए हैं। हालांकि भारत, अमेरिका में संभावित मंदी सहित वैश्विक बाधाओं से अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बढ़ती ब्याज दरों से भारतीय बॉन्ड और स्टॉक से डॉलर की संपत्ति में निवेश का निरंतर बहिर्वाह हो सकता है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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