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RK Sinha: 250 रूपए वेतन और दो कमरों से शुरू की कंपनी, फर्म सिक्योरिटी क्षेत्र में बनाया 12000 करोड़ का एम्पायर

RK Sinha: जानिए SIS के फाउंडर आरके सिंन्‍हा की सक्सेस स्टोरी।

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Newstrack Network
Published on: 12 Jan 2025 4:05 PM IST
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RK Sinha: अधिकतर हमने कई जगहों पर नीले रंग की ड्रेस पहले हुए कई सिक्योरिटी गार्ड को देखा होगा। ये सिक्योरिटी गार्ड भारत की सबसे बड़ी निजी सुरक्षा प्रदाता फर्म सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (SIS) के कर्मचारी है। इस सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड कंपनी की शुरुआत रविंद्र किशोर सिन्हा (RK Sinha) ने की थी। आज इस कंपनी का टर्नओवर 1200 करोड़ रुपये से कई ज्यादा है। वहीं अगर फोर्ब्‍स रिपोर्ट की माने तो आरके सिन्हा की नेट वर्थ 8300 करोड़ की है। आरके सिन्हा की इस कंपनी की शुरुआत की स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग है। जानिये इसके बारे में।

दो कमरे से शुरू की कंपनी

निजी सुरक्षा प्रदाता फर्म सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड की शुरुआत आरके सिन्हा ने दो कमरों से की थी। जोकि आज 1200 से ज्यादा का टर्न ओवर कर रही है। बता दें कि इस कंपनी की शुरुआत पटना से 1974 में हुई थी। जो आज न सिर्फ भारत बल्कि आस्ट्रेलिया सहित कई देशो में फ़ैल चुकी है। फोर्ब्स रिपोर्ट के मुताबिक़ आरके सिन्हा की मौजूदा नेटवर्थ (RK Sinha Net Worth) 8300 करोड़ (1 बिलियन डॉलर) रुपये है। इस कंपनी की एक और उपलब्धि की बात करें तो एशिया प्रशांत सेक्टर में मैनपावर सिक्योरिटी बिजनेस में लीडर्स के तौर पर मान्यता मिली हुई है। जहाँ इसमें 36000 से ज्यादा स्थायी कर्मचारी और 3000 कॉर्पोरेट कस्टमर्स हैं। इस कंपनी को सबसे ज्यादा रेवेन्यू ऑस्ट्रेलिया से मिलता है।

कौन है आरके सिन्हा

आरके सिन्हा की अगर बात करें तो ये न सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन है बल्कि राजनेता भी है। आरके सिन्हा बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और राज्यसभा के सांसद भी रह चुके है। इनके शुरूआती जीवन के बारे में अगर बात की जाए तो ये एक मिडिल क्लास फैमिली में पैदा हुए थे। और पटना में ही इन्होने अपनी शुरूआती पढाई की थी। इन्होने अपना करियर जर्नलिस्ट के तौर पर शुरू किया था। आर्थिक रूप से परिवार को मदद देने के लिए इन्होने एक प्रकाशन में ट्रेनी के पद पर रिपोर्टर की नौकरी की थी। लेकिन उसी समय भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया था जहाँ इनकी दोस्ती बिहार रेजिमेंट के सैनिकों के साथ हुई। और युध्द ख़त्म होने के बाद ये 973 में हुए जेपी आंदोलन में शामिल हो गए थे। जिसके कारण इन्हे नौकरी से निकाल दिया गया था।

कैसे की सिक्योरिटी कंपनी की शुरुआत

नौकरी जाने के बाद इनके पास मात्र दो महीने का वेतन 250 रूपए था। ये आगे के बारे में सोच नहीं पा रहे थे कि क्या करें तब इन्होने अपने एक दोस्त से मुलाक़ात की जिनका कंस्ट्रक्शन का बिजनेस था। तब उस दोस्त से आरके सिन्हा को बताया कि उसे प्रोजेक्स साइट की सुरक्षा के लिए पूर्व सैनिकों की तलाश है। जब सिन्हा ने युद्ध के समय बिहार रेजिमेंट के सैनिकों से दोस्ती के बारे में बताया तो दोस्त ने उन्हें एक सिक्योरिटी कंपनी बनाने की सलाह दी। उस सलाह को दिमाग में लेकर आरके सिन्हा ने पूर्व सैनिकों से तुरंत बातचीत की। उन सैनिकों में कई लोगों को उस समय काम की तलाश थी। जिसके बाद 1974 में पटना में दो कमरों के गैराज में SIS की शुरुआत की गई। SIS की स्थापना के एक साल बाद ही कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 250-300 हो गई और टर्नओवर 1 लाख रुपये से ज्यादा हो गया था।

आरके सिन्हा ने पिछले साल खुद इस बात का खुलासा किया था कि वर्तमान में इनकी कंपनी में 284000 से ज्यादा कर्मचारी है। जानकारी के लिए बता दे कि SIS ग्रुप का वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू (SIS Revenue in FY24) 12261 करोड़ रुपये पहुंच गया और एबिटा 585 करोड़ रुपये हो गया है।



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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