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रम्मीसर्कल : ऑनलाइन गेमिंग अब महज खेल नहीं

अंशुमान तिवारी
Published on: 31 March 2020 6:39 PM IST
रम्मीसर्कल : ऑनलाइन गेमिंग अब महज खेल नहीं
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रम्मीसर्कल : ऑनलाइन गेमिंग अब महज खेल नहीं

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग अब बढ़ कर फलता-फूलता बिजनेस बन गया है। वो दिन चले गए जब खेल को महज मौज मस्ती माना जाता था। कम से कम इससे जुड़ा उद्योग तो यही समझता था। मनोरंजन के एक छोटे से प्रयास के रूप में एक छोटी शुरुआत अब करोड़ों डॉलर का उद्योग बन चुकी है। पबजी जैसे ऑनलाइन रोल प्लेइंग गेम्स, ऑनलाइन रम्मी जैसे कार्ड गेम्स, डोटा गेम्स, रेसिंग गेम्स वगैरह के बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं। आज गेमर्स सभी आय वर्गों और क्षेत्रों से हैं और इनकी संख्या आने वाले वर्षों में बढ़नी ही है। इसी कारण ‘न्यू ज़ू’ की 2019 की ग्लोबल गेम्स मार्केट रिपोर्ट में 9% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है।

इसके अलावा, भारत सबसे तेजी से उभरते गेमिंग बाजारों में से एक है। केपीएमजी ग्लोबल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2021 तक भारतीय गेमिंग बाजार 1 बिलियन डॉलर का हो जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2021 तक गेम डेवलपिंग फर्मों की संख्या बढ़ कर 350 तक हो सकती है।

उपरोक्त आँकड़ों के आधार पर इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि आज की गेमिंग वो नहीं है जो कोई दस साल का बच्चा समझता है। आज आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस या एआई से ग्राहकों के व्यवहार के पूर्वानुमान करने, गेमिंग पैटर्न का विश्लेषण करने और धोखाधड़ी का पता लगाया जा रहा है जिससे डेवलपर्स और उपभोक्ताओं दोनों को गेमिंग प्लेटफार्म पर बहुत अधिक शानदार और व्यापक अनुभव मिलता है।

ऑनलाइन खेलों के विकास के पीछे किसकी भूमिका है ?

यह उद्योग इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है? आइए कुछ प्रमुख दीर्घकालिक विकास कारकों पर एक नज़र डालें जो न केवल इस गेमिंग उद्योग की वर्तमान सफलता के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि भविष्य में और भी तेज विकास लाने की उम्मीद रखते हैं।

वैसे लोग अब ऑफ़लाइन स्टोर की बजाय ऑनलाइन स्टोर से ज्यादा से ज्यादा ख़रीदारी कर रहे हैं लेकिन इस स्वाभाविक कारण के अलावा वीडियो गेम्स के डिजिटलीकरण के साथ ब्राण्ड्स के लिए पैसा कमाने के अन्य रास्ते भी खुल गए हैं।

1. गेम एक्सपेंशन पैक डाउनलोड की सुविधा - इसकी मदद से कंपनियों को अब फिक्स फीचर्स के साथ एक निश्चित कीमत पर वीडियो गेम बेचने की जरूरत नहीं है। अब ये कंपनियां नए ऐड-ऑन (स्टोरीलाइन और फीचर्स) बना सकती हैं जो कमाई के नए अवसर पैदा करते रहेंगे।

2. माइक्रोट्रांजैक्शन – कई मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, “फ़ोर्टनाइट: बैटल रॉयल” ने 2018 में अकेले माइक्रोट्रांजैक्शन से लगभग 3 बिलियन डॉलर का बिजनेस किया! माइक्रोट्रांजैक्शन दरअसल इन गेम्स में ही शामिल पावर्स, टूल्स जैसे विभिन्न उत्पादों की बिक्री है। माइक्रोट्रांजैक्शन धीरे-धीरे कमाई करने का शानदार तरीका बनते जा रहे हैं।

3. ऑनलाइन खेलों में विज्ञापन - यह रणनीति कभी-कभार के गेमर्स के लिए सबसे अच्छा काम करती है जिन्हें रोकना मुश्किल होता है। गेम डेवलपर अब अलग-अलग गेम लेवल के बीच ऐसे गेमर्स को विज्ञापन देखने के लिए मजबूर करके खेलने वालों के इस हिस्से से भी राजस्व कमा सकते हैं।

नए डिलीवरी प्लेटफार्म

भले ही ग्राफिक्स से भरपूर अधिकांश गेम्स के लिए अब भी पीसी या गेमिंग कंसोल की आवश्यकता होती है लेकिन दुनिया भर में इंटरनेट और 5 जी सेवा के विस्तार के साथ, धीरे-धीरे यह परिदृश्य बदल रहा है। बाजार में 75% से अधिक ऐसे लोगों का वर्चस्व है, जो 10,000 रुपए की रेंज वाले स्मार्टफोन रखते हैं, ऐसे में जरूरत ऐसे गेम्स की भी है जो डिवाइस पर कम स्पेस लेते हों और जिनके लिए डेटा की कम खपत होती हो।

खेलों का बदलता संसार

आज ऑनलाइन खेल मानसिक सुकून और मजे से कहीं ज्यादा समुदाय की भावना देते हैं। 75% से ज्यादा गेमर्स ने कहा है कि ऑनलाइन गेम खेलना जारी रखने का कारण तनाव से राहत और सामाजिक संपर्क के लिए था। सिंगल-प्लेयर गेम्स की जगह तेजी से मल्टी-प्लेयर गेम्स ले रहे हैं। यह न केवल गेमर्स को दुनिया भर के साथी गेमर्स के साथ नई दोस्ती करने का अवसर देता है, बल्कि टीम की रणनीतियों और बैटल रॉयल जैसी नई गेम शैलियों के रास्ते भी खोलता है। फोर्टनाइट इसका एक बढ़िया और स्वाभाविक उदाहरण है। अपनी उन्नत संरचना के चलते इस गेम ने 2017 में लॉन्च होने के एक साल के भीतर दुनिया भर में 200 मिलियन का प्लेयर बेस बनाया था।

आभासी वास्तविकता

आभासी दुनिया में एक वास्तविकता का निर्माण या उसका अहसास कराने की विधा गेमिंग उद्योग को प्रभावित कर रही है और आगे भी करती रहेगी। गेम्स अब मॉनिटर तक सीमित नहीं हैं बल्कि आभासी वास्तविकता के जरिये यूजर्स को एक त्रि-आयामी दुनिया का अनुभव मिलता है जहां वे सीधे डिजिटल वातावरण के साथ सहभागिता कर सकते हैं। एक तरह से वह आभासी दुनिया और वास्तविकता के बीच के सफर का आनंद लेते हैं। 500 रुपए से कम पर उपलब्ध वीआर तकनीकियां ऑनलाइन गेमिंग अनुभव को और भी बढ़ाएँगे।

कंपनियां न केवल यूजर्स के लाभ के लिए नई तकनीकों को ला रही हैं - बल्कि खेलों में धोखाधड़ी की हरकतों भी जांच की जा रही है। गेम में हैकिंग बढ्ने से, यूजर्स के व्यवहार को ट्रैक करने के लिए मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जा रहा है, ताकि कुछ भी आसमान्य होने को पकड़ा जा सके।

कंपनियां गेमिंग उद्योग को और अधिक वैध बनाने के लिए नियामक संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही हैं - उदाहरण के लिए, रम्मीसर्कल ने मानकों बनाने के लिए द रम्मी फाउंडेशन के साथ समझौता किया है जिसका तीसरे पक्ष द्वारा ऑडिट किया जा रहा है। इस प्रकार, प्रौद्योगिकी का विकास जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है, यहां तक कि ऑनलाइन रम्मी उद्योग को भी। जो पहले केवल आराम करने और अच्छे समय का आनंद लेने का एक तरीका था, अब वह अनेक और चीजों के साथ उपलब्ध है, जैसे कि रियल कैश रम्मी खेलना। ऑनलाइन गेमिंग एक गंभीर व्यवसाय बन गया है, जिसके भविष्य में बहुत बड़ी बड़ी चीजें हैं।



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अंशुमान तिवारी

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