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Dollar vs Rupee : डॉलर के मुकाबले रुपए में ऐतिहासिक गिरावट, जानें आप पर क्या हो सकता है असर
Dollar vs Rupee: डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट और गहरा गई है। डॉलर की तुलना में रुपए लगातार गिरता ही जा रहा है। मंगलवार, 17 मई 2022 को मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया कमजोरी के साथ खुला।
Rupee All time Low : डॉलर के मुकाबले रुपए (Dollar vs Rupee) में गिरावट और गहरा गई है। डॉलर की तुलना में रुपए लगातार गिरता ही जा रहा है। मंगलवार, 17 मई 2022 को मुद्रा बाजार (currency market) में भारतीय रुपया कमजोरी के साथ खुला। एक डॉलर के मुकाबले रुपए करीब 28 पैसे की गिरावट के साथ ऐतिहासिक निचले स्तर पर चला गया। आज एक डॉलर 77.73 रुपए के बराबर तक जा पहुंचा।
भारतीय रुपए में लगातार गिरावट से बाजार में हलचल तेज हो गई है। दिनोंदिन रुपए की कमजोर होती स्थिति को थामने के लिए अब सबकी नजर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर टिकी हैं। बता दें कि, अगर रुपए में होती इस गिरावट को जल्द नहीं थमा गया तो देश में महंगाई और बढ़ेगी। लेकिन, सवाल ये भी उठता है कि आरबीआई इस मुश्किल घड़ी में क्या कदम उठाएगी? नजर इस ओर भी है कि क्या रुपए को और गिरने से रोकने के लिए आरबीआई डॉलर की बिकवाली करेगा? क्योंकि, कमजोर होते रुपए को जल्द नहीं थामा गया तो लोगों पर महंगाई की मार पड़ेगी। साथ ही, आयात भी महंगा हो सकता है।
क्या आगे भी जारी रहेगी गिरावट?
बाजार के जानकारों की मानें, तो संभव है कि रुपए में ये गिरावट आगे भी देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि आने वाले समय में एक डॉलर के मुकाबले रुपए कमजोर होकर 80 रुपए तक गिर सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिका में बढ़ती महंगाई को देखते हुए अगर वहां का फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) बैंक ब्याज की दरें बढ़ाने का फैसला लेता है, तो भारत जैसे बाजार से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं। ऐसा होने पर रुपया और कमजोर हो सकता है।
वैश्विक और घरेलू वजहें भी
गौरतलब है कि, वर्तमान में रुपया वैश्विक वजहों और घरेलू कारणों से भी गिर रहा है। इसके पीछे शेयर बाजार में गिरावट तो वजह है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के वैश्विक रुझान के बीच विदेशी फंड की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपए पर दबाव आया है। इसके अलावा, कच्चा तेल महंगा होने तथा अन्य मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी रुपए में कमजोरी दिखाई दे रही है।
जानें महंगे डॉलर का आप पर क्या होगा असर?
क्या आप जानते हैं, भारत दुनिया में सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाले देश में दूसरे पायदान पर है। भारत अपनी खपत का 80 प्रतिशत आयात के जरिए पूरा करता है। सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल खरीदने के लिए डॉलर में भुगतान करती है। अब अगर, रुपए के मुकाबले डॉलर महंगा हुआ और रुपया में गिरावट आई तो सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करने होंगे। इससे तेल का आयात महंगा हो जाएगा। जिसकी कीमत महंगे पेट्रोल-डीजल के रूप में आम उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ेगी।
विदेश में पढ़ रहे छात्रों की पढ़ाई होगी महंगी
हमारे देश के लाखों बच्चे विदेशों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनके परिजन फीस सहित अन्य खर्च का वहन करते हैं। रुपए कमजोर होने से उनकी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी। वजह साफ है कि, अभिभावकों को ज्यादा रुपए खर्च कर डॉलर खरीदना होगा। खासकर इस समय, जब जून से लेकर अगस्त महीने के दौरान विदेशों में दाखिला प्रक्रिया शुरू होती है। महंगे डॉलर का खामियाजा विदेश में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों को उठाना पड़ेगा।
खाने का तेल और सकता है महंगा
वहीं, सबसे महत्वपूर्ण और रोजमर्रा की जरूरत में आने वाला खाने का तेल पहले से ही महंगा है। यह आयात के जरिए पूरा किया जा रहा है। डॉलर के महंगे होने पर खाने का तेल आयात करना और भी अधिक महंगा हो जाएगा। कहने का मतलब है कि, तेल आयात करने के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ेगा। इसका सीधा असर आम लोगों को पाम ऑयल से लेकर दूसरे खाने के तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।