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Sahara Refund Status: बड़ी खुशखबरी सहारा वालों के लिए, ऐसे मिलेंगे आपके पैसे
Sahara Refund Status: क्या आपने भी अपना पैसा सहारा समूह में इन्वेस्ट किया है?तो आपके लिए एक गुड न्यूज़ है। क्योंकि अब आपको आपके पैसे वापस मिलने जा रहे हैं। आइये जानते हैं कैसे।
Sahara Refund Status: अगर आपने भी सहारा समूह के अंतर्गत अपने पैसे जमा किये थे तो आपके ख़ुशख़बरी आ रही है दरअसल आपके वो पैसे आपको अब वापस मिलने जा रहे हैं। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला और आखिर कैसे वापस आएंगे ये पैसे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते मंगलवार को तीन जजों की एक पीठ ने सुनवाई के दौरान इस मामले पर नाराज़गी जताई उन्होंने कहा कि अभी तक 10 साल का समय बीतने के बाद भी सहारा समूह ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया है। ऐसे में अब उम्मीद ये जताई जा रही है कि सहारा समूह अपने इन्वेस्टर्स का पैसा उन्हें वापस कर देगा।
लाखों इन्वेस्टर्स ने आज से सालों पहले सहारा इंडिया (Sahara India) की सेविंग स्कीम्स में इस उम्मीद में अपनी गाढ़ी कमाई लगाई थी कि उन्हें इससे अच्छा मुनाफा मिलेगा। लेकिन इसके बजाय उनका पैसा डूबने की कगार पर आ गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब ऐसा लग रहा है कि इन इन्वेर्स्टर्स को अपना ये पैसा वापस मिल जायेगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को कड़ाई से कहा है कि वो अपने निवेशकों को उनका पैसा लौटाने में बिलकुल भी देरी न करें। ऐसा करने के लिए सहारा समूह अपनी सम्पति बेच सकता है। जिससे निवेशकों को अपना पैसा वापस मिल सके। वहीँ आपको बता दें कि सेबी सहारा रिफंड खाते में लगभग 10,000 करोड़ रूपए जमा होने के सम्बन्ध में ये बात कही गयी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की समीक्षा करते हुए कहा कि इन्वेर्स्टर्स का पैसा लौटने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में करीब 10,000 करोड़ रुपये जमा सहारा समूह पर अपनी सम्पत्ति बेचने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। लेकिन इसे बेचकर निवेशकों को उनका पैसा लौटा सकता है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त, 2012 को जारी किये गए अपने निर्देश में कहा था की सहारा ग्रुप अपनी कंपनियों से जुटाई रकम को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से सेबी को वापस करेगी। सहारा की ये कंपनियां हैं SIRECL और SHICL, जो अपने डिविजुअल इन्वेस्टर्स या निवेशकों के समूह से जुटाई इस रकम को सेबी को वापस करेगा।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सहारा समूह को सदस्यता राशि डिपॉजिट होने की तारीख से 3 महीने के भीतर री-पेमेंट की तारीख तक ये सब करना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश के बावजूद सहारा समूह द्वारा तय राशि जमा नहीं कराई गयी थी। वहीँ सहारा ग्रुप को तीन जजों की पीठ ने सम्पति बेचकर इन्वेर्टर्स का पैसा लौटाने का निर्देश दिया है। वहीँ आपको बता दें की जस्टिस संजीव खन्ना, एम एम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि सहारा समूह की सम्पति सर्किल रेट से कम कीमतों पर नहीं बेची जानी चाहिए इसके लिए पहले कोर्ट से अनुमति ले जाएगी।
सहारा समूह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कंपनी द्वारा पैसे नहीं लौटाने पर दलील देते हुए कहा था कि उन्हें अपनी सम्पति को बेचने का अवसर नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि सहारा ग्रुप की चार कोऑपरेटिव सोसाइटीज में लोगों ने अपना पैसा इन्वेस्ट किया था। वहीँ इन लोगों की संख्या की बात करें तो ये करीब 3 करोड़ है। इसमें सबसे ज्यादा निवेशक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश से हैं। लेकिन समय सीमा के बाद भी इन निवेशकों को अपना पैसा नहीं मिला है। जिसके लिए ये आजतक परेशान हैं।