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सावधान SBI ग्राहक! आज से बदले ये नियम, जानें क्या हुए बदलाव
सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज यानि 1 अक्टूबर से डिपॉजिट पर लगने वाले सर्विस टैक्स में बड़े बदलाव किए हैं।
नई दिल्ली: सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज यानि 1 अक्टूबर से डिपॉजिट पर लगने वाले सर्विस टैक्स में बड़े बदलाव किए हैं। आज से एसबीआई के कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। अगर आप भी एसबीआई खाताधारक हैं तो जानिए कि एसबीआई ने किन नियमों में बदलाव किए हैं।
बदली गई मंथली एवरेज बैलेंस की सीमा-
SBI ने आज से मंथली एवरेज बैलेंस की सीमा को 5,000 से हटाकर 3,000 कर दी है। अब अगर कोई निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस यानि कि 3,000 रुपये खाते में नहीं रखता है तो उसके लिए उसे चार्ज देना पड़ेगा। अगर आपके खाते में निर्धारित मंथली एवरेज बैलेंस से 50 फीसदी रकम यानि 1,500 रुपये से कम होंगे तो आपको 10 रुपये + जीएसटी चार्ज देना होगा। वहीं अगर आपके खाते में रकम 75 रुपये से कम होगी तो आपको 15 रुपये + जीएसटी चार्ज देना होगा।
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अर्ध शहरी क्षेत्रों में मंथली एवरेज बैलेंस की सीमा को को 2 हजार रुपये रखे गए हैं। इस तरह अगर खाताधारक का मंथली एवरेज बैलेंस निर्धारित रकम से 50 फीसदी कम है तो उनको 7.50 रुपये + जीएसटी चार्ज के तौर पर देना होगा। इसी तरह अगर रकम 50 से 75 फीसदी तक कम है तो खाताधारक को 10 रुपये + जीएसटी चार्ज के तौर पर देने होंगे। वहीं रकम 75 फीसदी से कम है तो खाता धारक को 12 रुपये + जीएसटी चार्ज के तौर पर देने होंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 रुपये रखी गई सीमा-
इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम औसत बैलेंस को 1,000 रुपये रखा गया है। अगर खाताधारक के खाते में रकम निर्धारित रकम से 50 फीसदी कम है तो उन्हें 5 रुपये + जीएसटी के रूप में चार्ज में देना होगा। इसी तरह अगर बैलेंस 75 से कम है तो खाताधारक को 10 रुपये + जीएसटी चार्जेबल होगा।
एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांसफर-
ग्राहक के लिए नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) या रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) चार्जेज फ्री हैं लेकिन शाखओं को इसके लिए चार्ज देना होता है। अगर आप एनईएफटी ट्रांजैक्शन 10,000 रुपये तक करते हैं तो आपको उस पर 2 रुपये + जीएसटी अतिरिक्त शुल्क के तौर पर देना होगा।
अगर खाताधारक आरटीजीएस के जरिए 2 से 5 रुपये तक के ट्रांसफर करता है तो ग्राहक को 20 रुपये + जीएसटी देना होगा। वहीं 5 लाख रुपये से अधिक का ट्रांसफर करने पर ग्राहक को 40 रुपये + जीएसटी देना होगा।
बदले गए कैश डिपॉजिट के चार्ज-
खाताधारक अगर अपने सेविंग अकाउंट से एक महीने में 3 बार कैश डिपॉजिट करते हैं तो उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा। इसके बाद डिपॉजिट करने पर खाताधारक को 50 रुपये + जीएसटी अतिरिक्त शुल्क के रूप में देना होगा।
इसके साथ ही एसबीआई ने ये भी जानकारी दी है कि ग्राहक नॉन-हॉम ब्रांच के जरिए अपने खाते में 2 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। इसके बाद ब्रांच मैनेजर यह फैसला लेगा कि आप इससे अधिक रकम जमा कर सकते हैं या नहीं।
साथ ही एसबीआई ने जानकारी दी है कि जो ग्राहक 25,000 रुपये की मंथली एवरेज बैलेंस को बनाए रखता है उसे एक माह में दो बार फ्री कैश विड्रॉ करने की अनुमति होगी। वहीं जो मंथली एवरेज बैलेंस को 20 से 50 हजार रुपये को बनाए रखता है उसे 10 बार तक फ्री कैश विड्रॉ करने की अनुमति होगी। वहीं अगर खाताधारक तय लिमीट से ज्यादा बार कैश विड्रॉ करता है तो उसे 50 रुपये और जीएसटी अतिरिक्त शुल्क के तौर पर देना होगा।
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