×

WPI Inflation: महंगाई मोर्चे पर राहत बरकरार, थोक महंगाई दर लगातार छठवें माह निगेटिव, सितंबर 2022 थी 10% के ऊपर

WPI Inflation: इस साल मार्च में प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट आने की वजह से थोक महंगाई दर 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी।

Viren Singh
Published on: 16 Oct 2023 7:48 AM GMT (Updated on: 16 Oct 2023 8:28 AM GMT)
WPI Inflation
X

WPI Inflation (सोशल मीडिया)  

WPI Inflation: देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है। ऐसें लोगों को महंगाई मोर्चे पर राहत मिलना बरकरार है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को सितंबर, 2023 के थोक मंहगाई दर के आंकड़ें जारी कर दिये हैं। इसमें राहत की बात यह कि सितंबर महीने में थोक महगांई दर में हल्की वृद्धि देखी गई है, लेकिन उसके बाद यह लगातार छठवें महीनें निगेटिव पर है। सितंबर माह में WPI आधारित मुद्रास्फीति -0.26 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई। इससे पहले बीते माह अगस्त 2023 में यह WPI आधारित मुद्रास्फीति -0.52 प्रतिशत थी। इस साल अप्रैल 2023 के बाद से यह लगातार छठवां महीना है कि, जब भारत की थोक महंगाई दर नकारात्मक प्रवृत्ति देखी गई है, जो कि लोगों के लिए काफी राहत का विषय है।

सितंबर, 2022 में यह थी महंगाई दर

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सितंबर माह में भले ही WPI-आधारित मुद्रास्फीति में हल्की बढ़ोतरी के दिखाई गई है, लेकिन इस सामान अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। इससे पहले साल-दर-साल (YoY) WPI-आधारित मुद्रास्फीति सितंबर 2022 में 10.55 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। इसी साल जुलाई में WPI (-) 1.36 फीसदी पर रही थी। इस साल मार्च में प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन के सूचकांक में भारी गिरावट आने की वजह से थोक महंगाई दर 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी। तब से लोगों को इसमें लगातार राहत मिली रही है।

इन चीजों में आई गिरावट

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक, सितंबर महीने में खाद्य सूचकांक 1.54 प्रतिशत रहा, जबकि अगस्त में यह 5.62 प्रतिशत था। प्राथमिक वस्तुओं के लिए सितंबर में थोक महंगाई 3.7 प्रतिशत है, जो अगस्त में 6.34 प्रतिशत थी। सितंबर में ईंधन और बिजली की महंगाई दर -3.35 फीसदी है, जबकि अगस्त में यह -6.03 फीसदी थी।

जानिए क्या थी सितंबर में खुदरा महंगाई दर?

12 अक्टूबर को जारी भारत के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों में सितंबर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई थी, जिसके बाद यह तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई। सितंबर मे भारत की खुदरा महंगाई दर 5.02 फीसदी रिकॉर्ड की गई थी। इससे पहले यह अगस्त महीने में 6.83 फीसदी रही थी और उससे पहले जुलाई में देश की खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी थी। अगस्त-जुलाई में खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा निर्धारित बैंड से 2-6 प्रतिशत से ऊपर थी, इसमें राहत सितंबर माह में जाकर मिली।

सीपीआई अभी भी 4 फीसदी ऊपर

मुद्रास्फीति में सकारात्मक कमी के बावजूद देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 4 प्रतिशत अंक से ऊपर बना हुआ है। केंद्रीय बैंक ने दर समायोजन पर विचार करने से पहले इस लक्ष्य को महत्वपूर्ण करार दिया था।

खाद्य मुद्रास्फीति और उपभोक्ता मूल्य में गिरावट

हालांकि विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति और उपभोक्ता मूल्य टोकरी का एक महत्वपूर्ण घटक में भी पिछले महीने कमी देखी गई। अगस्त में 9.94 प्रतिशत की तुलना में सितंबर में 6.56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। सितंबर में सब्जी मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय कमी आई, जो अगस्त में यह 26.14 प्रतिशत पर थी तो सितंबर घटकर 3.39 प्रतिशत हो गई। इसके अतिरिक्त, पिछले वर्ष से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने से सितंबर में अनाज मुद्रास्फीति अगस्त के 11.85 प्रतिशत से घटकर 10.95 प्रतिशत पर पहुंच गई।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

Next Story