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स्वागत 2025: क्या रंग दिखायेगा स्टॉक मार्केट, जानिए सब कुछ

Share Market 2025: 2024 में भारतीय निवेशकों को शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न मिला है। जानिये इस साल कैसा रहेगा हाल।

Neel Mani Lal
Published on: 1 Jan 2025 1:55 PM IST
Share Market 2025
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Share Market 2025: 2024 में भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया, जिसमें बीएसई सेंसेक्स 8.2 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी 50 8.8 प्रतिशत चढ़ा। लेकिन विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारी बिकवाली, दूसरी तिमाही में कमज़ोर कॉर्पोरेट नतीजे और प्रतिकूल मौसम की स्थिति से लेकर ईरान-इज़राइल और रूस-यूक्रेन के बीच तनाव, मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दरों में देरी और अप्रत्याशित लोकसभा चुनावों तक, 2024 में बाज़ार पर कई अप्रत्याशित चीजें हावी रहीं। जो बीत गया सो बीत गया लेकिन अब नए साल 2025 में क्या होगा, ये महत्वपूर्ण। ये भी समझना जरूरी है कि निवेशकों को कीं चीजों से सावधान रहने की ज़रूरत है।

एफपीआई की बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 2024 में बाज़ारों की प्रमुख ताकतों में से एक थे। अक्टूबर और नवंबर में क्रमशः 94,017 करोड़ रुपये और 21,612 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली ने सूचकांकों को सितंबर में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से लगभग 9 प्रतिशत नीचे धकेल दिया।

कुल मिलाकर, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2024 में सिर्फ 427 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर खरीदे, जो 2023 में भारतीय बाजारों में निवेश किए गए 1.7 ट्रिलियन रुपये से कम है। अगर आगे यह ट्रेंड जारी रहता है, तो 2025 में बाजारों में तेजी सीमित हो सकती है।


कार्पोरेट कमाई

निफ्टी 500 कंपनियों ने वित्त वर्ष 25 के दूसरे क्वार्टर में स्थिर आय दर्ज की, जो साल-दर-साल 1 प्रतिशत घटी है। कर पश्चात लाभ (पीएटी) साल-दर-साल 1 प्रतिशत घटकर 3.4 ट्रिलियन रुपये हो गया। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि कॉर्पोरेट आय में कोई भी गिरावट निवेशकों के विश्वास को कम कर सकती है और बाजार मूल्यांकन को प्रभावित कर सकती है।

मुद्रास्फीति

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति पिछले कुछ समय से 5 प्रतिशत से ऊपर मँडरा रही है। सब्जियों की बढ़ती कीमतों के कारण मुद्रास्फीति को कम करने में विफलता के कारण 2025 में ब्याज दरों में कटौती में देरी हो सकती है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है, जबकि ग्रोथ में नरमी आई है। इसलिए, मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में कटौती पर कोई भी निर्णय लेने से पहले बेहतरी की प्रतीक्षा करने का निर्णय लिया है। वैश्विक स्तर पर, यूएस फेडरल रिजर्व ने 18 दिसंबर, 2024 को अपने नीतिगत निर्णय में ब्याज दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती की। हालांकि, कटौती की घोषणा करते हुए फेड ने अब 2025 के लिए केवल दो ब्याज दर कटौती का अनुमान लगाया है, जो पहले अनुमानित चार से कम है।

राजनीतिक चिंताएँ

ईरान-इज़राइल और रूस-यूक्रेन के बीच तनाव ने 2024 में निवेशकों को मायूस रखा। एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि अगर ईरान-इज़राइल और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध आगे बढ़ते हैं और अन्य देश भी इसमें कूदते हैं, तो राजनीतिक तनाव भारतीय बाज़ारों में कमजोरी पैदा कर सकता है। इसके अलावा, पश्चिम एशिया युद्ध में किसी भी तरह की वृद्धि से तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है क्योंकि ये दोनों देश दुनिया में तेल के प्रमुख निर्यातक हैं।


टैरिफ़ में बढ़ोतरी

अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अमेरिका के तीन सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों - कनाडा, मैक्सिको और चीन पर बड़े टैरिफ़ लगाने का वादा किया है। ट्रम्प ने कहा है कि वे कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ लगाएंगे और चीन से आयात पर किसी भी अतिरिक्त टैरिफ़ से 10 प्रतिशत अधिक टैरिफ़ लगाएंगे। विश्लेषकों का मानना ​​है कि ट्रम्प की सरकार, विशेषकर व्यापार और उभरते बाजार की मुद्राओं से संबंधित सरकार, बाजारों के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकती है। कुल मिलाकर कर 2025 में अच्छी चीजों की दुआ करनी चाहिए। निवेशकों को सोच समझ कर निर्णय लेने चाहिए।



Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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