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Share Market News : बाजार में गिरावट को लेकर इस दिग्गज ने चेताया, बताई साल 2000 के 'स्टैंडर्ड एंड पूअर्स' क्रैश से समानता

इस क्रम में एक दिग्गज निवेशक ने चिंता की लकीरें थोड़ी और चौड़ी कर दी हैं। ये शख्स हैं जेफरीज के ग्लोबल इक्विटीज हेड क्रिस्टोफर वुड। इन्होंने हाल ही में भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में आई गिरावट को खतरनाक संकेत माना है।

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Written By aman
Published on: 19 Feb 2022 2:57 PM IST (Updated on: 19 Feb 2022 2:58 PM IST)
Share Market News jefferies christopher wood
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Share Market News jefferies christopher wood

Share Market News : हाल के हफ़्तों में भारतीय शेयर बाजार ही नहीं बल्कि, अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज सहित दुनियाभर के बाजार औंधे मुंह गिरे। इस गिरावट में निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई लुटा दी। इस बीच देश में घरेलू शेयर बाजार गिरता-संभालता रहा, बावजूद वैश्विक गतिविधियों ने यहां के बाजर को भी डांवाडोल कर रख दिया। निवेशकों में दर ऐसा समाया कि बिकवाली के दबाव में शेयर बाजार हर शाम लाल निशान पर ही बंद होने लगे। लेकिन अब शेयर बाजार के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ती ही जा रही है।

इस क्रम में एक दिग्गज निवेशक ने चिंता की लकीरें थोड़ी और चौड़ी कर दी हैं। ये शख्स हैं जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल इक्विटीज हेड क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood)। इन्होंने हाल ही में भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में आई गिरावट को खतरनाक संकेत माना है। वुड ने हाल में वैश्विक बाजार में आई गिरावट की तुलना वर्ष 2000 में आई बड़ी गिरावट से की है। उनका कहना है कि दोनों में बहुत समानताएं हैं। इसी के आधार पर वुड का अनुमान है कि दुनियाभर के बाजारों में शुरू हुई यह गिरावट अब जल्‍द रुकने वाली नहीं।

क्या कहना है वुड का?

वुड ने अपने हालिया वीकली न्यूजलेटर (weekly newsletter) में कहा, कि 'वर्ष 2000 में न्यूयॉर्क एक्सचेंज (New York Exchange) सहित दुनिया भर के बाजारों में आई भारी गिरावट से वर्तमान गिरावट को जोड़कर देखा जा सकता है। तब सबसे पहले डॉट कॉम कंपनियों (dot com companies) के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई थी। जबकि, बाकी बाजार थोड़ी अस्थिरता के साथ कारोबार कर रहा था। मगर, अगले छह महीनों में Standard and Poor's 500 (S&P 500) इंडेक्स भी धराशायी हो गया था।

-टेक शेयर लगातार गिर रहे

क्रिस्टोफर वुड तुलनात्मक अध्ययन के बाद कहते हैं, कि 'अमेरिका और भारत सहित दुनिया भर में टेक कंपनियों (Tech Companies) या नए समय की कंपनियों के शेयरों (Tech Shares) में बीते एक-दो महीने से भारी बिकवाली देखने को मिली है।' वुड कहते हैं 'अमेरिका में लगभग सभी प्रमुख टेक कंपनियों को शामिल करने वाला इंडेक्स नैस्डैक 100 (Nasdaq 100) पिछले कुछ महीनों में 16 प्रतिशत से अधिक गिर चुका है।'

वुड की बातों की सच्चाई कर रही तस्दीक

यहां, वुड की बातों से मेल खाती जरूर देखने को मिली हैं। भारत में भी पेटीएम (Paytm) के शेयर, जोमैटो (Zomato) शेयर के दाम, कार ट्रेड और पीबी फिनटेक सहित कई नए जमाने की कंपनियों के शेयर अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। हद तो तब हो गयी जब कुछ कंपनियों के शेयर तो अपने आईपीओ इश्यू प्राइस (IPO Issue Price) से भी नीचे चले गए हैं। अमेरिका में फेसबुक के शेयरों (Facebook Share Price) में ही गिरावट पर नजर डालें तो दो दिन के भीतर फेसबुक के शेयर गिरकर 565 अरब डॉलर के मार्केट वैल्यू पर बंद हुए। इसी गिरावट के साथ फेसबुक बड़ी कंपनियों की लिस्ट में नीचे खिसककर 11वें पायदान पर आ चुका है। इस तरह फेसबुक के शेयर होल्डर की संपत्ति पिछले कुछ हफ्तों में घटकर आधी हो गई है।

क्रिस्टोफर कहते हैं, 'मुझे आज की स्थिति साल 2000 की याद दिलाती है। मेरा मानना है कि अब ये गिरावट थमने वाली नहीं है। धीरे-धीरे इसका असर दूसरे सेक्टर में भी होगा।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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