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Share Market Today: सेंसेक्स की उड़ान, अब लखटकिया होने का इंतजार
Share Market Today: पहली बार 25 जुलाई 1990 को 1,000 के स्तर को पार किया। तब से यह 20 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है।
Share Market Today: भारत के स्टॉक मार्केट में जबर्दस्त उत्साह का दौर चल रहा है। निफ्टी के 21,000 अंक को छूने के तीन दिन बाद, सेंसेक्स पहली बार 70,000 अंक के पार पहुंच गया। अब सभी के मन में एक ही सवाल है - एक लाख के अंक को सेंसेक्स कब छूएगा?
33 साल का सफर
17 जनवरी 2018 को 35,000 से बढ़कर 70,000 अंक तक पहुंचने में सेंसेक्स को लगभग छह साल लग गए। सूचकांक ने पहली बार 25 जुलाई 1990 को 1,000 के स्तर को पार किया। तब से यह 20 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है।
अब, हर निवेशक के मन में यह सवाल घूम रहा है : सेंसेक्स 1,00,000 के जादुई आंकड़े को कब छूएगा? हालांकि कई विश्लेषक इस पर दांव लगाने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि अनुकूल व्यापक आर्थिक संकेतक, संभावित राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक स्तर पर बदलती भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, कोई भी अगले 5 साल में इक्विटी बाजारों से 12 -15 फीसदी के औसत वार्षिक रिटर्न की उम्मीद कर सकता है।
एक विश्लेषक के अनुसार, सेंसेक्स से भी ज्यादा एक व्यापक आधार वाली रैली चल रही है।उत्साहजनक बात यह है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनियों की विशाल संख्या और इस वृद्धि को समायोजित करने वाला मूल्यांकन है।
एक अन्य इक्विटी विश्लेषक के मुताबिक उम्मीद है कि बेंचमार्क सेंसेक्स क्रिसमस 2025 तक 1 लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएगा। ऐसा हुआ तो इस वृद्धि का मतलब है कि दो वर्षों में 43 प्रतिशत की बढ़त हुई है, जो सालाना 19.5 प्रतिशत है। अनुमान 20 साल की औसत वार्षिक वृद्धि दर 13% से अधिक है।
बढ़िया आंकड़े
आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में कोरोना वायरस फैलने से पहले शीर्ष 500 कंपनियों का कुल लाभ लगभग 4 लाख करोड़ रुपये था। सितंबर 2023 के अंत तक वार्षिक आधार पर, यह लगभग 11-12 लाख करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि मुनाफा लगभग तीन गुना बढ़ गया है लेकिन निफ्टी 500 और निफ्टी दोनों फरवरी 2020 से केवल 87 प्रतिशत और 75 प्रतिशत बढ़े हैं। यानी अभी काफी गुंजाइश है।
इन सेक्टरों का दबदबा
एक्सपर्ट बताते हैं कि निफ्टी और सेंसेक्स के लगभग दो-तिहाई हिस्से पर बैंकिंग और आईटी शेयरों का दबदबा है। अनुमान है कि अब ये दोनों इक्विटी बेंचमार्क सूचकांकों को सबसे मजबूत समर्थन प्रदान करेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के तेजी से बढ़ते बाजार से आईटी कंपनियों को सपोर्ट मिलेगा, वहीं दूसरी ओर बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) में अगले साल सुधार होना चाहिए।