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Shopping Mall: बियाबान शॉपिंग मॉल, खाली जगह 59 फीसदी बढ़ी
Shopping Mall: "थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024" रिपोर्ट में 29 भारतीय शहरों में 340 शॉपिंग सेंटर और 58 हाई स्ट्रीट का अध्ययन किया गया। 2022 में 57 से बढ़कर 2023 में 64 घोस्ट शॉपिंग सेंटर थे।
Shopping Mall: आपके शहर में अगर बड़े बड़े शॉपिंग मॉल हैं तो उनकी हालत में बदलाव आपने जरूर नोटिस किया होगा। कुछ साल पहले जहाँ इन जगमगाते मॉल में ढेरों स्टोर और ग्राहकों की भीड़ होती थी वहीँ अब सन्नाटा पसरा रहता है, दुकानें नदारद हैं और भीड़ भी नजर नहीं आती।
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक द्वारा जारी "थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024" रिपोर्ट में बताया गया है कि 40 प्रतिशत से ज्यादा खाली पड़े खुदरा स्थान वाले शॉपिंग सेंटर में खाली जगह 2023 में 2022 की तुलना में 59 प्रतिशत बढ़कर 13.3 मिलियन वर्ग फुट (एमएसएफ) हो गई। इस तरह के खाली पड़े शॉपिंग सेंटर को "घोस्ट" शॉपिंग सेंटर कहा जाता है।
"थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024" रिपोर्ट में 29 भारतीय शहरों में 340 शॉपिंग सेंटर और 58 हाई स्ट्रीट का अध्ययन किया गया। 2022 में 57 से बढ़कर 2023 में 64 घोस्ट शॉपिंग सेंटर थे। इस वृद्धि से 6,700 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि लगभग 6,700 करोड़ रुपये इन शॉपिंग सेंटरों के लीज़ लायक स्थान में फंसे हुए हैं सो इन संरचनाओं के दूसरे उपयोग या इन्हें ध्वस्त करने के सक्रिय कदम नए अवसर प्रदान करेंगे।
सबसे ज्यादा बियाबान मॉल एनसीआर में
टियर-1 शहरों में, घोस्ट शॉपिंग सेंटरों की सबसे बड़ी सूची राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर} में 5.3 मिलियन वर्ग फुट थी, जो 2022 में 3.4 मिलियन वर्ग फुट से 58 प्रतिशत अधिक है। मुंबई 2.1 मिलियन वर्ग फुट के साथ दूसरे और बेंगलुरु 2 मिलियन वर्ग फुट घोस्ट शॉपिंग सेंटर के साथ तीसरे स्थान पर है।
हैदराबाद एकमात्र टियर-1 शहर था जिसने घोस्ट शॉपिंग सेंटर में गिरावट दर्ज की, जो 2023 में 19 प्रतिशत गिरकर 0.9 मिलियन वर्ग फुट हो गई। सबसे तेज वृद्धि कोलकाता में थी, जहां 237 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 1.1 मिलियन वर्ग फुट हो गई।
हालाँकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ प्रमुख भारतीय शहरों में शॉपिंग सेंटर की कुल रिक्ति 2022 में 16.6 प्रतिशत से घटकर 2023 में 15.7 प्रतिशत हो गई, जो खुदरा क्षेत्र में बढ़ती मांग का संकेत देती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसी प्रॉपर्टी को बाहर करना समझदारी है, क्योंकि यह व्यापक खुदरा विक्रेता के हित को आकर्षित नहीं करता है। 29 भारतीय शहरों में शॉपिंग सेंटरों में वित्तीय वर्ष 2024-25 में $14 बिलियन का राजस्व उत्पन्न करने की क्षमता है।