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Short Selling: पहले भी शॉर्ट सेलर्स डुबा चुके हैं कई दिग्गज कंपनियां, ये बड़े ब्रांड शामिल

Short Selling: अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप से जुड़े शेयरों में जबर्दस्त गिरावट पैदा कर दी है।

Neel Mani Lal
Published on: 4 Feb 2023 12:34 PM IST
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Short Selling (Pic: Social Media)

Short Selling: अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप से जुड़े शेयरों में जबर्दस्त गिरावट पैदा कर दी है। इस तरह की भयावहता इतिहास में केवल मुट्ठी भर शॉर्ट सेलर्स अभियानों में पहले देखी गई है। ऐसे उदाहरणों में प्रमुख रूप से एनरॉन कॉर्प और वायरकार्ड एजी शामिल हैं, जिनके धराशायी होने का कारण एक्टिविस्ट शॉर्ट-सेलर्स थे, जिन्होंने इन कंपनियों के कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियां खोज निकाली थीं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब अडानी की कंपनियों के समूह को निशाना बनाते हुए कहा है कि इसकी रिपोर्ट केवल भारत के बाहर व्यापार की जाने वाली प्रतिभूतियों के मूल्यांकन से संबंधित है। अब आगे क्या होता है, यह स्पष्ट नहीं है। बहरहाल, जानते हैं कुछ सबसे बड़ी स्टॉक मार्केट तबाही की जो शॉर्ट-सेलर्स द्वारा ट्रिगर की गईं थीं।

एनरॉन कॉर्पोरेशन

2001 में एनरॉन की दिवालियापन की घोषणा इतिहास में सबसे हैरतअंगेज वित्तीय पतन में से एक है। अमेरिका में ह्यूस्टन स्थित फर्म ने अगस्त 2000 से अपने दिवालियापन की फाइलिंग तक बाजार मूल्य में 65 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी दर्ज की थी। हेज फंड काईनीकोस एसोसिएट्स के जिम चानोस ने दावा किया था कि एनरॉन विफल हो जाएगा - और सही साबित हुआ। इसी दावे पर जिम चानोस की ग्लोबल प्रतिष्ठा परवान चढ़ी थी।

ऊर्जा ट्रेडिंग की दिग्गज कंपनी एनरॉन का पतन, उसके दागदार एकाउंटिंग प्रोसेस के खुलासे के साथ शुरू हुआ था। ये प्रकरण आज भी व्यवसायिक और राजनीतिक दुनिया में चर्चित है। एनरॉन के पतन से शेयरधारकों की अरबों डॉलर की पूंजी खत्म हो गई, हजारों लोग बेरोजगार हो गए। इस कांड के फलस्वरूप वित्तीय रिपोर्टिंग की सटीकता में सुधार करने के लिए कानूनों और नियम बने।

वायरकार्ड शॉक

वायसराय फर्म के फ्रेजर पेरिंग 2016 में जारी की गई धमाकेदार रिपोर्ट बनाने वाली टीम का हिस्सा थे। इस रिपोर्ट में वायरकार्ड पर मनी लॉन्ड्रिंग और अमेरिकी इंटरनेट जुआ प्रतिबंधों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। वायरकार्ड कंपनी का बाजार मूल्य 2018 में लगभग 26 बिलियन डॉलर था। 2020 में खुलासा हुआ कि कंपनी की 3 बिलियन डॉलर की संपत्ति कभी अस्तित्व में थी ही नहीं। इसके बाद कंपनी का पतन हो गया था।

निकोला

ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा 2020 में एक खबर प्रकाशित करने के बाद हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन ने इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी निकोला कॉर्प पर फोकस किया। खबर ये प्रकाशित हुई थी कि कैसे निकोला संस्थापक ट्रेवर मिल्टन ने अपने पहले सेमी ट्रक की क्षमता को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। हिंडनबर्ग ने निकोला की पोल खोल दी। इसके बाद कंपनी के खिलाफ मुकदमा चला और कोर्ट ने मिल्टन को निवेशकों को धोखा देने का दोषी ठहराया। नतीजा ये हुआ कि आज निकोला का शेयर 2020 में अपने चरम से लगभग 95 फीसदी गिर चुका है। निकोला का बाजार मूल्य एक समय में लगभग 30 अरब डॉलर था, वही अब 1.3 अरब डॉलर के करीब है।

वैलेंट फार्मास्युटिकल्स

शॉर्ट सेलर्स फहमी कादिर और सिट्रॉन रिसर्च के संस्थापक एंड्रयू लेफ्ट ने दवा बनाने वाली कंपनी वैलेंट फार्मास्युटिकल्स की कमियां निकाल कर इसके शेयर की शॉर्ट सेलिंग कर दी। इसके स्टॉक का बाजार मूल्य अगस्त 2015 में 87 बिलियन डॉलर से अधिक था जो घटकर 2022 में 4 बिलियन डॉलर से भी कम हो गया। इसका नतीजा ये हुआ कि वैलेंट फार्मास्युटिकल्स का अस्तित्व ही खत्म हो गया और अब ये बॉश हेल्थ कंपनीज इंक के रूप में कारोबार कर रही है।

हिंडनबर्ग

ब्लूमबर्ग न्यूज की गणना के अनुसार, हिंडनबर्ग ने 2020 के बाद से लगभग 30 कंपनियों को टारगेट किया है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अगले दिन उनके शेयरों में औसतन लगभग 15 फीसदी की गिरावट आई है। छह महीने बाद शेयर औसतन 26 फीसदी नीचे थे। हिंडनबर्ग की अन्य शॉर्ट सेलिंग में इलेक्ट्रिक-वाहन निर्माता लॉर्डस्टाउन मोटर्स कॉर्प और वर्कहॉर्स ग्रुप इंक शामिल हैं।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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