Hindenburg: अब किसी की बारी, किस पर गिरेगी गाज... ,'भारत में कुछ बड़ा होने वाला है!' हिंडनबर्ग के संकेत

Hindenburg Report: इस साल जून में हिंडनबर्ग रिसर्च़ का जिन्न फिर बाहार आ गया था। दरअसल, अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की गहन जांच करने के के बाद सेबी ने 27 जून, 2024 हिंडनबर्ग को इस मामले पर एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

Viren Singh
Published on: 10 Aug 2024 5:01 AM GMT (Updated on: 10 Aug 2024 5:40 AM GMT)
Hindenburg Report
X

Hindenburg Report (सोशल मीडिया) 

Hindenburg Report Again: लगता है...भारत में फिर किसी दिग्गज कारोबारी पर गाज गिरने वाले वाली है। इस बात के संकेत एक समय अडानी ग्रुप की लुटिया डूबो चुका अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने दिये हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को नाकार दिया। बाद में इन आरोपों की जांच कर रही बाजार नियामक संस्था सेबी को कोई गड़बड़ी नहीं मिली और अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की। अडानी ग्रुप को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले से राहत मिलने के बाद उनका ग्रुप फिर से हवाएं भरने लगा।

जल्द कुछ बड़ा होने वाला

शनिवार सुबह सुबह हिंडनबर्ग ने एक्स पर एक पोस्ट किया...कहा कुछ तो याद ही होगा। हिंडनबर्ग के इस संकेत से फिर से भारतीय कारोबार में थोड़ी हल चल पैदा हो गई है। शनिवार एक्स पर पोस्‍ट करते हुए अमेरिकी कंपनी ने भारतीय कंपनी से जुड़े एक और बड़ा खुलासा करने के संकेत दिया है। हिंडनबर्ग ने अपनी पोस्ट पर कहा कि..."भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है"।


पिछले साल अडानी को दिया था झटका

भारत में अधिकांश लोगों ने अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च का पहली बार नाम तब जाना, जब उसने पिछले साल जनवरी में भारत सहित दुनिया के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी के ग्रुप अडानी समूह पर धोखाधड़ी से संदर्भ कई गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों का असर अडानी ग्रुप के कारोबार और गौतम अडानी के नेटवर्थ पर पड़ा। आरोपों के नाकार ने के बाद भी भारतीय शेयर बाजार में कई महीनों तक अडानी ग्रुप के शेयर टूटते रहे। कई कंपनियों शेयरों तो अपने सबसे निचले स्तर तक गिर गए, शेयरों के कारोबार में नौबात यह तक आ गई थी कि स्टॉक मार्केट में शेयरों की ट्रेंड तक रोकनी पड़ी। इससे गौतम अडानी दुनिया के नंबर 2 अरबपति बनने के बाद 36वें नंबर तक खिसक गए। ग्रुप को 86 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि इस मामले में सेबी और सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद एक फिर अडानी ग्रुप के शेयर बाजार में हवा में बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

जून में फिर बाहार आया हिंडनबर्ग का जिन्न

इस साल जून में हिंडनबर्ग रिसर्च़ का जिन्न फिर बाहार आ गया था। दरअसल, अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की गहन जांच करने के के बाद सेबी ने 27 जून, 2024 हिंडनबर्ग को इस मामले पर एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सेबी के इस नोटिस को बकवास बताते हुए हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि भारत में सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने का प्रयास है।

सेबी का आरोप

हिंडनबर्ग ने अडानी मामले में अपनी रिपोर्ट में कोटक मंहिद्रा बैंक का नाम लिया था। सेबी ने अपनी रिपोर्ट पर खुलासा किया था कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) में महत्वपूर्ण निवेश किया है। किंगडन कैपिटल ने भारतीय बाजार की अस्थिरता का फायदा उठाया है और फर्म ने अडानी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) में शॉर्ट पोजीशन से $22.25 मिलियन का लाभ कमाया है।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

Next Story