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Startup Fund Options: स्टार्ट अप लांच करने की बना रहे योजना, तो इन बेहतरीन फंडिंग विकल्पों पर दें ध्यान
Startup Fund Options: पार या स्टार्ट अप तीन भागों में बंटा होता है। पहला मेन्युफैक्चरिंग, दूसरा ट्रेड और तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण सर्विस भाग होता है। इन्हीं भागों के आधार पर आंत्रप्रेन्योर्स अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग को हासिल कर सकते हैं।
Startup Fund Options: हर कोई चाहता है कि उसका खुद का अपना एक बड़ा व्यापार हो। और लोग इस इच्छा को पूरा करने के लिए लगातार जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। इन में कुछ ही लोग ऐसे होते हैं जो इस सपने के पूरा कर पाते हैं, क्योंकि व्यापार शब्द सुनने और समझने में बहुत छोटा लगाता है, लेकिन जब आप इसकी शुरुआत करते हैं तो काफी जटिलताओं का सामना करना पड़ा है। इन्हीं जटिलताओं में एक जटिलता आर्थिक भी होती है। इन्हीं जटिलताओं की वजह से कुछ लोग व्यापार या स्टार्ट अप की शुरुआत नहीं कर पाते हैं और कुछ शुरुआत भी करते हैं तो कुछ समय बाद आए पैसे के अभाव के चलते व्यापार बंद कर देते हैं, क्योंकि इन लोगों के पास फंडिंग को लेकर कोई पुख्ता रोडमैप नहीं होता है।
यह हैं स्टार्टअप फंडिंग के विकल्प
दअसल, व्यापार या स्टार्ट अप तीन भागों में बंटा होता है। पहला मेन्युफैक्चरिंग, दूसरा ट्रेड और तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण सर्विस भाग होता है। इन्हीं भागों के आधार पर आंत्रप्रेन्योर्स अपने स्टार्टअप के लिए फंडिंग को जुटाते हैं। ऐसे अगर आप व्यापार की शुरुआत करने जा रहे हैं तो इन बातों को ध्यान में रखकर पैसे का जुगाड़ कर सकते हैं। आईये जानते हैं कि फंडिंग हासिल करने के आसान तरीके।
- एंजल इन्वेस्टमेंट
एंजल इन्वेस्टमेंट स्टार्ट अप की फंडिंग मुख्य स्त्रोत में से एक हैं। यह हाई नेटवर्थ या वार्षिक आय वाले व्यक्तित होते हैं। यह लोग पैसा निवेश के लिए एक अच्छे स्टार्टअप की खोज में रहते हैं। ऐसे में अगर आप स्टार्ट अप शुरू करने जा रहे हैं तो एंजल इन्वेस्टमेंट से फिंडिंग हासिल कर सकते हैं। हालांकि इनसे फिंडिंग हासिल के लिए आपको अपने स्टार्ट अप की हर एक पहलू पर चर्चा करनी होगी, उसके बाद भी यह फिंडिंग हासिल कर सकते हैं। भारत में कुछ ऐसे एंजल इन्वेस्टर्स हैं, जो छोटे बड़े स्टार्टअप को तगड़ी फिंडिंग मुहैया करवाते हैं। इनमें हैदराबाद एंजेल्स, इंडियन एंजेल्स नेटवर्क, मुंबई एंजेल्स जैसे इन्वेस्टर्स हैं।
- क्राउड फंडिंग
अपने स्टार्ट अप के लिए पैसा जुटाने के लिए क्राउड फंडिंग भी कर सकते हैं। इसमें खास बता यह है कि यहां पर अपने व्यापार या स्टार्टअप को लिस्ट कराना होगा और साथ ही इसमें कितने पैसे की जरूरत होती यह बताना होगा। जिस किसी को भी आपका स्टार्ट अप अच्छा लगेगा, वह आपको फंड प्रदान कर देगा। हालांकि क्राउड फंडिंग देने वाले को उसके बदले आपको कुछ देना भी पड़ता है।
- बैंक लोन
स्टार्ट अप की फंडिंग के लिए चाहें तो आपक बैंक से लोन भी हासिल कर सकते हैं। यह फंडिंग हासिल करने में सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। देश में अधिकांश छोटे बड़े स्टार्ट अप अपनी फंडिंग के लिए बैंक और अन्य दूसरे वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं। हालांकि इसके लिए आपको पेपर वर्क पूरा करना होता है और यह बैंक पर निर्भर करता है कि वह आपके स्टार्ट अप को लोन मुहैया करवाए या नहीं। अगर लोन मिल जाता है तो आपको कुछ निश्चित समय के बाद ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटना होता है।
- सरकारी योजनाएं
आज कल स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए राज्य व केंद्र सरकार आगे आ रही हैं। केंद्र सरकार ने स्टार्ट अप व लघु उद्यमों को पैसा उपलब्ध करवाने के लिए कई सरकार योजनाएं शुरू की हैं। इसमें MSME Scheme For Startup Business, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंडअप इंडिया जैसे स्कीम हैं,जिसके जरिये अपने स्टार्टअप के लिए फंड हासिल कर सकते हैं।
- वेंचर कैपिटल
आप अपने स्टार्ट अप के लिए वेंचर कैपिटल से भी फंड हासिल कर सकते हैं। इन से फंड हासिल करने के लिए आपको वेंटर कैपिटलिस्ट्स कुछ हिस्सा इक्विटी के रूप में देना होता है। वहीं, यह लोग को समय समय पर यह भी ध्यान देते रहते हैं कि आपका स्टार्ट अप सही दिशा में चल रहा है या नहीं।
- इन्क्यूबेटर व एक्सेलेरेटर
आप इन्क्यूबेटर व एक्सेलेरेटर कार्यक्रम के माध्मय से भी अपने स्टार्ट अप के लिए फंड हासिल कर सकते हैं। दरअसल, इन्क्यूबेटर्स आइडिया जनरेशन से लेकर प्रोडक्ट तैयार होने तक स्टार्ट अप वालों की मदद करते हैं,जबकि एक्सेलेरेटर्स स्टार्ट अप को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह लोग कई सालों तक स्टार्ट अप को फंड प्रदान करते रहते हैं।
- NBFCs व MFIs
अगर आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री अच्छी नहीं है तो भी आपको स्टार्ट अप के लिए फंड मिल सकता है। इस स्थिति में आपको आप गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) व माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन (MFIs) से फंड हासिल कर सकते हैं,इसमें सबसे अच्छी बात यह होती है कि इनको आपकी फाइनेंशियल हिस्ट्री व क्रेडिट स्कोर से कोई लेना देना नहीं होता है। हालांकि यह बात जरूर ध्यान रहे कि NBFCs और MFIs अन्य लोगों की तुलना में दिए गए फंड पर ब्याज अधिक लेते हैं।