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Stock Market Holiday: निवेशक ध्यान दें! ऱामनवमी पर शेयर बाजार खुला है या नहीं, जानें यहां?
Stock Market Holiday: भारतीय शेयर बाजार बुधवार यानी राम नवमी 2024 पर बंद है। शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची 2024 से पता चलता है कि यह अप्रैल 2024 में आखिरी व्यापारिक अवकाश है।
Stock Market Holiday: भारतीय शेयर बाजार में अगर आप आज कोई निवेश की योजना बना रहे हैं तो पहले ये जान लें कि बाजार खुलेगा या नहीं। 17 अप्रैल बुधवार को प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव ‘राम नवमी’ का महापर्व मनाया जा रहा है। ऐसे में आज भारतीय शेयर बाजार बंद है, अर्थात कोई कोराबार नहीं होगा। दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) 17 अप्रैल को बंद रहेंगे। चाहें तो निवेशक 2024 में शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के लिए बीएसई और एनएसई की आधिकारिक वेबसाइटों पर जांच कर सकते हैं।
अप्रैल में अब छुट्टियाँ नहीं?
बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध 2024 में शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार बुधवार यानी राम नवमी 2024 पर बंद है। शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची 2024 से पता चलता है कि यह अप्रैल 2024 में आखिरी व्यापारिक अवकाश है। आज के बाद से कोई भी व्यापारिक अवकाश नहीं। अब शेयर बाजार अगले महीने मई में बंद होगा।
शाम के समय इन सेगमेंट में होगा कारोबार
बीएसई के अनुसार, इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव, एसएलबी और मुद्रा डेरिवेटिव और ब्याज दर डेरिवेटिव खंड बुधवार, 17 अप्रैल को बंद रहेंगे। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स) पर कमोडिटी डेरिवेटिव सेगमेंट 17 अप्रैल को केवल सुबह के सत्र के लिए बंद हैं, जबकि शाम सत्र में खुलेगा। एमसीएक्स पर कमोडिटी ट्रेडिंग शाम 5 बजे से 11:30 और 11:55 तक होगी।
मई 2024 में शेयर बाज़ार की छुट्टियाँ
मई महीने से शेयर बाजार में दो छुट्टियां होंगी। पहला शेयर बाजार अवकाश 1 मई को महाराष्ट्र दिवस समारोह के लिए पड़ेगा। दूसरा अवकाश लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 20 मई को महाराष्ट्र में मतदान होगा, इसलिए स्टॉक मार्केट बंद रहेगा।
जानिए क्यों टूट रहा शेयर बाजार
कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी 50, मंगलवार को तेजी से गिरावट के साथ बंद हुआ। बाजार में आई गिरावट से बीते तीन दिनों में सेंसेक्स 200 अंक से अधिक टूट चुका है। आगे भी गिरावट के संकेत हैं। सोमवार तक निवेशकों को 7.5 लाख करोड़ रुपए का चुना लग चुका है। निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता कम होने के कारण अधिकांश क्षेत्रों में भारी बिकवाली देखी गई। ईरान-इज़राइल संघर्ष जिसने तेल-समृद्ध मध्य-पूर्व क्षेत्र में तनाव को बढ़ावा दिया, अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरी पैदावार में वृद्धि, और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बेरोकटोक बिक्री के कारण भी बाजार में गिरावट आई।