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Share Market: शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी फिसले
Share Market Today: कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बीएसई पर आज सुबह घरेलू बाजार फिसलन के साथ खुले। फ्रंटलाइन इंडेक्स निफ्टी-50 17,300 के स्तर से 50 अंक नीचे फिसल गया, जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 150 अंक से अधिक की गिरावट के साथ 57,929 के स्तर पर आ गया।
Share Market Update Today: कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच बीएसई पर आज सुबह घरेलू बाजार फिसलन के साथ खुले। फ्रंटलाइन इंडेक्स निफ्टी-50 17,300 के स्तर से 50 अंक नीचे फिसल गया, जबकि एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 150 अंक से अधिक की गिरावट के साथ 57,929 के स्तर पर आ गया। इसी तरह, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 0.2 फीसदी और 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ व्यापक बाजार भी दबाव में थे।
कारोबार में निफ्टी मेटल इंडेक्स 1 फीसदी से ज्यादा टूटा। हालांकि निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी मीडिया इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ खुले। व्यक्तिगत शेयरों में, आईटीसी के शेयर 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर 314 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। आईटीसी समूह ने 33.9 प्रतिशत सालाना समेकित शुद्ध लाभ में 4,389.7 करोड़ रुपये की छलांग लगाई है। इसके अलावा, फूड एग्रीगेटर जोमैटो के समेकित नुकसान में कमी होने के बाद इसके शेयरों में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में 3.27 फीसदी के हाल के उच्च स्तर से 2.57 फीसदी तक की तेज गिरावट से बाजार संदेश यह है कि फेड सितंबर में केवल एक और बड़ी बढ़ोतरी के साथ अपने कड़े चक्र के अंत के करीब है। और उसके बाद टर्मिनल दर लगभग 3.5 फीसदी पर हो जाएगी। इस धारणा ने वैश्विक बाजारों में रैली को सुविधाजनक बनाया है और भारत सबसे अच्छे प्रदर्शनकर्ताओं में से एक के रूप में उभर रहा है।
इस बात पर आम सहमति है कि भारत इस वर्ष दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था होगा और वैश्विक विकास मंदी का इसपर सबसे कम असर होगा। अब भारतीय बाजारों में एफआईआई की वापसी हुई है, जो अब लगातार खरीदार बन गए हैं। निफ्टी में जून के निचले स्तर से 2100 अंकों की रैली ने बढ़ते मूल्यांकन के साथ बाजार को अति-खरीदारी क्षेत्र में धकेल दिया है। निकट भविष्य में बाजार के मजबूत होने की संभावना है। पूंजीगत सामान और ऑटो (पीवी और सीवी सेगमेंट) मजबूत स्थिति में हैं।
अब सभी की निगाहें 5 अगस्त को आरबीआई एमपीसी के ब्याज दर के फैसले पर होंगी। उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दरों को मौजूदा 4.9 फीसदी से 50 आधार अंक बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर देगा। बाजार जुलाई के बाद ऑटो बिक्री के आंकड़ों पर भी नजर रखेगा, क्योंकि यह वृहद अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का एक संभावित संकेत होगा। उसके अलावा टेलीकॉम सेक्टर पर भी नजर रहेगी जहां 5जी नीलामी का दौर हावी रहा है।