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8% टूटे HDFC के शेयर...स्टॉक मार्केट में भूचाल, 2022 के बाद सेंसेक्स लुढ़का 1628 अंक, निवेशकों की झोली खाली
Share Market: इस गिरावट के HDFC बैंक में पैसा लगाए निवेशकों के एक ही दिन में 100,000 करोड़ रुपये उड़ गए। बैंक का शेयर 8.57 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 1528 रुपये प्रति शेयर पर जाकर बंद हुआ।
Share Market: इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए बुधवार को दिन सबसे बुरा साबित हुआ। हफ्ते के तीरसे कारोबारी दिन यानी बुधवार को शेयर बाजार में ऐसी गिरावट देखने को मिली, जिसने बीते दो साल का एक दिवसीय गिरावट का रिकॉर्ड तोड़ दिया। बाजार में आई इस जोरदार गिरावट के सबसे बड़ा हाल एचडीएफसी बैंक के शेयर का हुआ। एक ही झटके में बैंक के शेयर 8 फीसदी टूट गए। इससे बैंक ने जितना तीन महीने में मुनाफा कमाया था, उसका 5 फीसदी मार्जिन आज की गिरावट में ही साफ हो गया। शेयर बाजार निवेशकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
सेंसेक्स 1628 अंक टूटा, निफ्टी इतना गिरा
बुधवार को बीएसई का सेंसेक्स 71,998.93 पर खुला और 71,429.30 के अपने इंट्राडे निचले स्तर को छू गया। सूचकांक 1,628 अंक या 2.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71,500.76 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएससी निफ्टी 50 इंडेक्स 21,647.25 पर खुला और सत्र के दौरान 21,550.45 के इंट्राडे निचले स्तर को छू गया। अंत में सूचकांक 460 अंक या 2.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,571.95 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 73,128.77 अंकों पर तो निफ्टी 22,032.30 अंकों पर बंद हुआ।
जानें क्यों लुढ़का आज बाजार ?
स्टॉक मार्केट में आई गिरावट की मुख्य वजह देश की सबसे बड़ी निजी बैंक एचडीएफसी बैंक के शेयर बने। आज कारोबार के दौरान पूरे समय बैंक के शेयर लाल निशान पर कारोबार करते हुए दिखाई दिए। इसके बाद यह कारोबार खत्म होने तक 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट पर बंद हुए। एचडीएफसी बैंक के शेयर के पूरे में खराब प्रदर्शन से शेयर बाजार में हलचल पैदा हो गई, जिसका खामियाजा कई अन्य बैंकिंग शेयरों को भी उठाना पड़ा। निफ्टी बैंक ने दिन का समापन 4 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट के साथ किया, क्योंकि प्रत्येक बैंकिंग शेयर खुद को नकारात्मक क्षेत्र में पाया और यह 7 मार्च, 2022 के बाद से निफ्टी बैंक इंडेक्स में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट बनी गई।
बैंक निवेशकों को इतना हुआ नुकसान
HDFC Bank में आई गिरावट से बाजार के निवेशक हैरा रह गए,क्योंकि बीते मंगलवार को बैंक अपने दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित किये थे और इस नतीजों में बैंक ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 34 फीसदी का शुद्ध लाभ आर्जित किया है, लेकिन आज बैंक में आई गिरावट ने सारा काम बिगाड़ दिया और बैंक में पैसा लगाए निवेशकों के एक ही दिन में 100,000 करोड़ रुपये उड़ गए। बैंक का शेयर 8.57 फीसदी की बड़ी गिरावट 1528 रुपये प्रति शेयर पर जाकर बंद हुआ।
साल, 2022 में हुई थी एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट
इस गिरावट के साथ मिड और स्मॉल-कैप सूचकांकों को भी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन बेंचमार्क की तुलना में यहां गिरावट कम रही। बुधवार को बीएसई मिडकैप इंडेक्स 1.09 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। स्टॉक मार्केट में आज से पहले एक कार्य दिवसीय में इतनी बड़ी गिरावट साल 2022 में देखने को मिली थी। 13 जून, साल 2022 को निफ्टी 502.64 फीसदी गिरा था, जबकि सेंसेक्स को 2.68 फीसदी का नुकसान हुआ था।
एक दिन में 5 लाख करोड़ साफ
बाजार में इस गिरावट से बुधवार को बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 370 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा गया है। इससे पहले यह मंगलवार को 375 लाख करोड़ रुपये पर था। आज की गिरावट से निवेशकों एक ही सत्र में करीब 5 लाख करोड़ रुपये उड़ गए।
आज निफ्टी 50 के टॉप गेनर्स
निफ्टी 50 इंडेक्स में अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज (1.28 फीसदी ऊपर), एचसीएल टेक्नोलॉजीज (1.13 फीसदी ऊपर) और टेक महिंद्रा (0.95 फीसदी ऊपर) के शेयर टॉप गेनर के रूप में बंद हुए। निफ्टी 50 इंडेक्स पर करीब 10 शेयर हरे निशान में बंद हुए और 39 शेयरों को नुकसान हुआ. एक स्टॉक - पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया - निफ्टी 50 पैक में सपाट बंद हुआ।
आज शीर्ष निफ्टी 50 पिछड़ गए
निफ्टी 50 पैक में एचडीएफसी बैंक (8.16 फीसदी नीचे), टाटा स्टील (3.97 फीसदी नीचे) और कोटक महिंद्रा बैंक (3.76 फीसदी नीचे) के शेयर शीर्ष पर रहे।
बाज़ार की गिरावट पर विशेषज्ञ की राय
शेयर बाजार में आई गिरावट पर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि यूएस फेड दर में कटौती में देरी पर चिंताओं के साथ-साथ बैंकिंग शेयरों में गिरावट ने बाजार की भावनाओं को प्रभावित किया। चीनी विकास डेटा को हतोत्साहित करने और अमेरिकी बांड पैदावार में बढ़ोतरी के कारण व्यापक मुनाफावसूली भी हुई। ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए साथ ही साथ तथ्य यह है कि वित्त वर्ष 2024 के लिए कमाई और जीडीपी वृद्धि के बारे में आशावाद पहले से ही बाजार में दिखाई दे रहा है, जिससे सुधार हुआ।