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कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: घट जाएगी Take Home Salary, लेकिन होगा ये फायदा
Take Home Salary: जल्द ही कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी, क्योंकि सरकार अगले 1 या 2 महीने के अंदर चारों श्रम कानूनों को लागू करने वाली है।
Take Home Salary: नौकरीपेशा लोगों को जल्द ही एक बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही चारों श्रम कानूनों (Four Labour Codes) को लागू करने की तैयारी में है। जिसके बाद नौकरीपेशा लोगों पर कई प्रभाव पड़ेंगे। इन कानूनों के लागू होने से आपकी टेक होम सैलरी (Take Home Salary) घट जाएगी। लेकिन आपको इससे एक फायदा भी होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस कानून को लागू होते ही कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी, लेकिन इससे आपके भविष्य निधि यानी पीएफ खाते में हर महीने का योगदान (Contribution) बढ़ा जाएगा। दरअसल, इन नए कानूनों के लागू होने के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक) और भविष्य निधि (Provident Fund) की गणना के तरीके में उल्लेखनीय बदलाव होगा।
जानें कब से लागू होंगे कानून?
आपको बता दें कि श्रम मंत्रालय एक अप्रैल से चारों श्रम कानूनों को लागू करना चाहता था। दरअसल, इन चार श्रम संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा, ऐसे में सरकार इन्हें जल्द ही लागू करने का प्लान कर रही है।
गौरतलब है कि मंत्रालय द्वारा इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप भी दे दिया था, लेकिन इनका क्रियान्वयन नहीं हो सका। ऐसा इसलिए क्योंकि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं थे। लेकिन इन चार संहिताओं के तहत इन नियमों को केंद्र और राज्यों दोनों को ही अधिसूचित करना होगा, तभी ये संबंधित राज्यों में लागू हो सकेंगे।
फिलहाल कुछ राज्यों में इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को आखिरी रूप देने की प्रक्रिया जारी है। माना जा रहा है कि अगले एक या दो महीने के अंदर नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
बढ़ेगा पीएफ में योगदान
मिली जानकारी के मुताबिक, नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 फीसदी पर सीमित रखा जाएगा। यानी कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 फीसदी मूल वेतन होगा और पीएफ की गणना कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के प्रतिशत के आधार पर ही की जाती है। इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है। नई वेतन संहिता में भविष्य निधि योगदान इंप्लॉय के कुल वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से तय किया जाएगा।
क्या होगा कर्मचारियों को फायदा?
अब बात करें आपको फायदे की तो नए कानूनों के लागू होने के बाद मूल वेतन 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा हो सकता है। वहीं, भविष्य निधि की गणना बेसिक सैलरी के आधार पर ही होता है, ऐसे में पीएफ में अब कंपनी और कर्मचारी दोनों का ही योगदान बढ़ जाएगा। पीएफ में योगदान बढ़ने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। वहीं, मूल वेतन ज्यादा होने का मतलब है कि ग्रैच्युटी की रकम भी ज्यादा होगी।
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