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TATA Sons Ne Kharida Air India: अंततः टाटा ग्रुप बना विजेता, बन गया एयर इंडिया का मालिक

टाटा को मिली एयर इंडिया: ये खबर सबसे पहले Newstrack.com ने 1 October को ही दे दी थी।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 1 Oct 2021 6:23 AM GMT (Updated on: 8 Oct 2021 10:46 AM GMT)
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TATA Sons Ne Kharida Air India: सरकार ने अंततः टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का विनर बना दिया। एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल करने की दौड़ में टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के फाउंडर अजय सिंह शामिल थे। इस बात की कल से ही उम्मीद की जा रही थी कि सरकार ने टाटा समूह और स्पाइसजेट के संस्थापक अजय सिंह में से एयर इंडिया की बिक्री के लिए दो बोली लगाने वालों में से विजेता को चुन लिया है। यह भी कहा जा रहा था कि एक आरक्षित मूल्य पर भी फैसला ले लिया गया है। जिसके आधार पर बोलियां पर फैसला होना था। यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार एयर इंडिया को जीतने वाली बोली की घोषणा कभी भी कर सकती है।

न्यूज ट्रैक ने पहले ही दे दी थी इस खबर की जानकारी:

एयर इंडिया

एयर इंडिया (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

टाटा समूह के प्रतिनिधि और अजय सिंह ने बुधवार को सौदे में लगे सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद दोनों सरकारी अधिकारियों और दोनों बोलीदाताओं ने सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था।

राष्ट्रीय ध्वज वाहक के मूल्यांकन पर एक प्रस्तुति मंगलवार को की गई थी और सचिवों की समिति (सीओएस) ने एयरलाइन के आरक्षित मूल्य पर एक कॉल किया था। अनुमान लगाया जा रहा था कि एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह को ही मिलेगा क्योंकि उनकी बोली सबसे ऊंची मानी जा रही थी।

ऐसा समझा जा रहा था कि टाटा समूह ने अप्रत्याशित दावों से खुद को बचाने के लिए अपनी बोली में क्षतिपूर्ति खंड शामिल किए थे। टाटा संस मर्जर एंड एक्विजिशन (एमएंडए) टीम के अलावा विस्तारा, एयरएशिया इंडिया, टाटा स्टील और इंडियन होटल्स के विलय विशेषज्ञों सहित 200 से अधिक टाटा अधिकारी इस प्रक्रिया का हिस्सा बताए जा रहे थे। इस सौदे में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100% हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50% हिस्सेदारी शामिल है।

TATA (File Photo- Social Media)

एयर इंडिया की बिक्री सरकार के विनिवेश एजेंडे की रीढ़ बतायी जा रही है जिसकी निगरानी अमित शाह के नेतृत्व वाली समिति कर रही थी। सरकार द्वारा एयरलाइन को बेचने का यह दूसरा प्रयास है, पहला प्रयास बोलीदाताओं को आकर्षित करने में विफल रहा था क्योंकि सरकार एयरलाइन में 26% हिस्सेदारी बनाए रखना चाहती थी। एयर इंडिया की विनिवेश योजना के तहत, एयरलाइन को उसके 23,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ एक निजी मालिक को हस्तांतरित किया जाएगा। योजना में शेष ऋण को सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित करना शामिल है।

Chitra Singh

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