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Lay's Chips : ‘लेज़ चिप्स’ को पाम आयल की जगह सूरजमुखी के तेल से बनाने का ट्रायल

Lay's Chips : पेप्सिको इंडिया ने ‘’लेज़ चिप्स’’ में पाम तेल और पामोलीन के स्थान पर सूरजमुखी तेल और पामोलीन के मिक्सचर का ट्रायल शुरू किया है। यह निर्णय भारत में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में अस्वास्थ्यकर मानी जाने वाली सस्ती सामग्री के उपयोग पर आलोचना के बाद लिया गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 9 May 2024 6:43 PM IST
Lays Chips : ‘लेज़ चिप्स’ को पाम आयल की जगह सूरजमुखी के तेल से बनाने का ट्रायल
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सांकेतिक तस्वीर (Photo - Social Media)

Lay's Chips : पेप्सिको इंडिया ने ‘’लेज़ चिप्स’’ में पाम तेल और पामोलीन के स्थान पर सूरजमुखी तेल और पामोलीन के मिक्सचर का ट्रायल शुरू किया है। यह निर्णय भारत में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में अस्वास्थ्यकर मानी जाने वाली सस्ती सामग्री के उपयोग पर आलोचना के बाद लिया गया है। पामोलिन ऐसा लिक्विड है जिसे पाम तेल को रिफाइन करने के जरिये प्राप्त किया जाता है। पाम आयल और पामोलिन, दोनों तेल पाम फल से प्राप्त होते हैं। पाम आयल अर्ध-ठोस होता है।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में प्रमुख स्नैक्स और पेय पदार्थ निर्माता पेप्सिको अपने लेज़ चिप्स के लिए सूरजमुखी, मक्का और कैनोला तेल जैसे तेलों का उपयोग करती है जो हार्ट के लिए नुकसानदेह नहीं होते। अपनी अमेरिकी वेबसाइट पर कंपनी कहती है कि - हमारे चिप्स ऐसे तेलों में पकाए जाते हैं जिन्हें दिल के लिए स्वस्थ माना जा सकता है। इसमें आगे कहा गया है कि सूरजमुखी, मक्का और कैनोला तेल में अच्छे मोनो और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होते हैं, जो कैलोरी-नियंत्रित आहार के हिस्से के रूप में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

नमक की मात्रा की जाँच करें

रिपोर्ट में पेप्सिको इंडिया के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि कुछ उत्पादों में इस मिश्रण का परीक्षण कंपनी को ऐसा करने वाले भारत में खाद्य उद्योग के कुछ खिलाड़ियों में से एक के रूप में पेश करता है। भारतीय प्रभाग 2025 तक अपने स्नैक्स में नमक की मात्रा को 1.3 मिलीग्राम सोडियम प्रति कैलोरी से कम करने पर भी काम कर रहा है।

भारत में नमकीन स्नैक्स और बिस्कुट से लेकर चॉकलेट, ब्रेड और आइसक्रीम तक कई पैकेज्ड फूड ब्रांड पाम तेल का उपयोग करते हैं क्योंकि इसकी कीमत सूरजमुखी या सोयाबीन तेल से कम होती है। भारत में लेज़ के क्लासिक नमकीन चिप्स की कीमत 10 रुपये से शुरू होती है, जो इसे ब्रांड के सबसे सस्ते उत्पादों में से एक बनाती है।

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में सस्ती सामग्री

अमेरिका और यूरोप की तुलना में विकासशील देशों में सस्ती या कम पौष्टिक सामग्री का उपयोग करने के लिए पैकेज्ड खाद्य कंपनियों, विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय निगमों की आलोचना की गई है।

हाल ही में, नेस्ले इंडिया ने एशिया और अफ्रीका में अतिरिक्त चीनी के उच्च स्तर पर विवाद का सामना करने के बाद अपने शिशु आहार सेरेलैक का बिना चीनी वाला संस्करण विकसित करने की योजना की घोषणा की। इसके बाद स्विस जांच संगठन पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क की एक रिपोर्ट आई, जिसमें बताया गया कि सेरेलैक में भारत में प्रति सेवारत लगभग 3 ग्राम चीनी होती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में नेस्ले के शिशु आहार में चीनी को शामिल किया गया है, लेकिन यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और अन्य यूरोपीय देशों जैसे विकसित बाजारों में नहीं।

पाम तेल और पामोलीन के बीच अंतर

पाम तेल और पामोलीन दोनों ही तेल ताड़ के पेड़ के फल से प्राप्त होते हैं, लेकिन वे अलग-अलग विशेषताओं वाले अलग-अलग उत्पाद हैं। ताड़ का तेल ताड़ के फल के गूदे से निकाला जाता है। सैचूरेटेड फैट की उच्च संतृप्ति के कारण यह कमरे के तापमान पर अर्ध-ठोस होता है। दूसरी ओर, पामोलीन, एक प्रकार का ताड़ का तेल है जिसे तरल रूप देने के लिए आगे प्रोसेस किया जाता है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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