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Economic Crisis: गहराता जा रहा आर्थिक संकट, डॉलर के मुकाबले रुपया हो रहा धड़ाम

Economic Crisis: रुपये के मुकाबले डॉलर इतना ज्यादा महँगा कभी नहीं हुआ था। जब तक यूक्रेन संकट चलता रहेगा तब तक इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Vidushi Mishra
Published on: 8 March 2022 12:10 PM GMT
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आर्थिक संकट (फोटो-सोशल मीडिया)

Economic Crisis: यूक्रेन संकट और इसके कारण कच्चे तेल के बढ़ते दामों का असर विदेशी मुद्रा पर जबर्दस्त ढंग से पड़ा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया तो ऐतिहसिक निम्न स्तर पर गिर चुका है। रुपये के मुकाबले डॉलर इतना ज्यादा महँगा कभी नहीं हुआ था। जब तक यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) चलता रहेगा तब तक इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।

8 मार्च को रुपया 84 पैसे गिर कर 77.01 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो ऐतिहासिक रूप से उसका अभी तक का सबसे निचला स्तर है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर युद्ध चलता रहा तो रुपया और लुढ़क कर 80 प्रति डॉलर के स्तर को भी पार कर सकता है। इसके भारतीय अर्थव्यवस्था पर और भी तीव्र असर होने की आशंका है।

रुपये की कीमत पर सबसे ज्यादा असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों का पड़ रहा है। क्रूड आयल के दाम यूक्रेन युद्ध की वजह से लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। आज तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक चले गए थे। अगर युद्ध और चलता रहा तो तेल के दाम और भी बढ़ेंगे। ये सिलसिला अखन तक जाएगा, कोई कुछ नहीं कह सकता।

पश्चिमी देश भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की लंबी सूची में रूसी तेल को भी जोड़ने पर विचार कर रहे हैं। रूस तेल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। उसपर प्रतिबन्ध लगाने से तेल की सप्लाई में काफी कमी आ जायेगी और इसका असर बेहद ख़राब निश्चित तौर पर पड़ेगा। रूस से भले भारत की दोस्ती हो लेकिन अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते तेल खरीदना भी मुश्किल हो जाएगा।

अब महँगा होता पेट्रोल-डीज़ल

भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम नवंबर 2021 के बाद से बढ़ाए नहीं गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के समाप्त होने के बाद अब न सिर्फ पेट्रोल और डीजल बल्कि रसोई गैस, सरसों के तेल और वनस्पति तेल के दाम भी तेजी से बढ़ सकते हैं।

जब ईंधनों के दामों में बढ़ोतरी होगी तो माल ढुलाई की लागत भी बढ़नी तय है और इसका असर दूसरी वस्तुओं के दामों पर पड़ेगा। दूध के दाम अभी से बढ़ गए हैं। रिफाइंड तेल भी 25 रुपये महंगा हो गया है।

क्रूड आयल
Crude Oil

सोमवार के कारोबार के दौरान कच्चे तेल की कीमतें शुक्रवार के पिछले बंद से 7.8 फीसदी बढ़कर 127.35 डॉलर हो गईं। ब्लूमबर्ग ने बताया है कि अमेरिका द्वारा रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध पर चर्चा करने के बाद सप्ताहांत में कीमतों ने 139.13 डालर के उच्च स्तर को छू लिया था।

Vidushi Mishra

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