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Union Budget 2025: डिफेंस सेक्टर में और बढ़ सकता है बजट आवंटन

Union Budget 2025 Update: चीन और पाकिस्तान के साथ अब बांग्लादेश भी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बनकर उभर रहा है। ऐसे में रक्षा क्षेत्र पर विशेष फोकस की उम्मीद जताई जा रही है। भारत में 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित किया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 9 Jan 2025 9:15 AM IST (Updated on: 9 Jan 2025 9:15 AM IST)
Union Budget 2025 Update
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Union Budget 2025 Update (social media)

Union Budget 2025 Update: केंद्र सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले बजट में डिफेंस सेक्टर को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता रहा है। पिछले बजट के दौरान भी रक्षा मंत्रालय को सबसे अधिक राशि आवंटित की गई थी। ऐसे में एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट के दौरान रक्षा मंत्रालय को एक बार फिर सबसे ज्यादा महत्व मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारों का मानना है कि आगामी बजट में भी रक्षा मंत्रालय को मिलने वाली राशि में काफी बढ़ोतरी होगी।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान देश के लिए बाहरी सुरक्षा के खतरे बढ़े हैं। चीन और पाकिस्तान के साथ अब बांग्लादेश भी भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बनकर उभर रहा है। ऐसे में रक्षा क्षेत्र पर विशेष फोकस की उम्मीद जताई जा रही है। भारत में 2025 को रक्षा सुधारों का वर्ष घोषित किया है। इसका लक्ष्य सेवा के तीनों अंगों में बेहतर तालमेल बनाना है जिसके लिए एकीकृत सैन्य कमान शुरू की जाएगी। इसके साथ ही देश भर के रक्षा कर्मचारियों को भी बजट से काफी उम्मीदें हैं और सरकार इस दिशा में बड़ा ऐलान कर सकती है।

पिछले बजट में रक्षा मंत्रालय को मिले थे 6.22 लाख करोड़

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6,21,940.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। रक्षा मंत्रालय को सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा राशि आवंटित की गई थी। वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को हुआ आवंटन वित्त वर्ष 2022-23 के आवंटन से लगभग एक लाख करोड़ रुपये (18.43 प्रतिशत) ज्यादा जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 4.79 प्रतिशत ज्यादा था।

पिछले बजट के दौरान वित्त मंत्री का कहना था कि इस आवंटन का उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, सशस्त्र बलों को आधुनिक हथियारों/प्लेटफॉर्मों से लैस करना और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। आगामी बजट में भी सरकार का इस पर फोकस हो सकता है।

रक्षा कर्मियों को 10 लाख तक आयकर में छूट की उम्मीद

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ को आगामी बजट से काफी उम्मीदें हैं। महासंघ रक्षा कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर कई वर्षों से संघर्ष कर रहा है। महासंघ की ओर से वित्त मंत्री को लिखे गए पत्र में 12 मांगों को पूरा करने का अनुरोध किया गया है। महासंघ का कहना है कि आगामी बजट में रक्षा कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार को सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।

अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ के महासचिव सी.श्रीकुमार की ओर से वित्त मंत्री को लिखे गए पत्र में इन मांगों का विस्तृत उल्लेख भी किया गया है। श्रीकुमार ने अपने पत्र में कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली,आठवें वेतन आयोग का गठन,आयकर में दस लाख रुपये तक की छूट और तीन लाख रिक्त पड़े पदों को भरने की दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए।उन्होंने कहा कि 41 आयुध कारखानों को निगमों में तब्दील करना पांच रक्षा मंत्रियों के लिखित आश्वासन का स्पष्ट उल्लंघन है और सरकार को इस पर गौर करना चाहिए।

रक्षा योजनाओं पर होगा सरकार का फोकस

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि 2025 रक्षा सुधारों का वर्ष होगा। उनका कहना है कि इन सुधारों से देश की रक्षा तैयारी में अभूतपूर्व प्रगति होगी और 21वीं सदी की चुनौतियों के बीच भारत की सुरक्षा एवं संप्रभुता सुनिश्चित की जाएगी। एकीकृत सैन्य कमान शुरू करने के साथ ही सैन्य कमान तकनीकी रूप से उन्नत और किसी भी युद्ध में दुश्मन का सामना करने के लिए तैयार किया जाएगा।

इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय रक्षा से जुड़ी खरीददारी प्रक्रिया को आसान और तेज भी बनाना चाहता है। सैन्य कमान को लेकर रक्षा मंत्रालय की यह योजना काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे इस साल के सुधार उपायों को लागू करने की योजना का संकेत मिलता है।

हाल में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान भविष्य में संभावित युद्धों को जीतने के लिए आवश्यक रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाएं भी विकसित किए जाने पर सहमति बनी है। बैठक के दौरान उभरती प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किए जाने का फैसला भी किया गया है। रक्षा मंत्रालय की इन योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए बजट में सरकार की ओर से बड़े ऐलान किया जा सकते हैं।

चीन से भारत के लिए बढ़ता खतरा

रक्षा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि वर्ष 2025 के बजट में रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए संसाधनों के आवंटन की दिशा में निर्णायक बदलाव होना चाहिए। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पड़ोस में बढ़ रही चुनौतियों के कारण रक्षा मंत्रालय के बजट आवंटन में निश्चित रूप से आवश्यक बढ़ोतरी तय की जानी चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान बाहरी सुरक्षा के खतरे बढ़ हैं मगर उस हिसाब से हमारी क्षमता में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है। लद्दाख में चीन के साथ समझौता जरूर हो गया है मगर चीन अभी भी भारत के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। चीन के युद्धपोत भी हिंद महासागर में भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।

पाकिस्तान के साथ अब बांग्लादेश भी बना चुनौती

चीन का पिछलग्गू पाकिस्तान लंबे समय से भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद एक नया खतरा और मंडराने लगा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से मुंह मोड़ते हुए पाकिस्तान के साथ हाथ मिला लिया है, जो आने वाले दिनों में भारत के लिए और बड़ा खतरा पैदा करने वाला कदम है। अब हमारे सैन्य बल को चीन और पाकिस्तान के साथ ही बांग्लादेश से भी सतर्क रहना होगा।

बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए भी सीमा पर सुरक्षा जरूरी है और इसके लिए सैन्य बल के आधुनिकीकरण और उसे तकनीक से लैस करने की जरूरत है। बांग्लादेश और म्यांमार के साथ हमारी सीमाओं के काफी हिस्से पर निगरानी ही नहीं है। निगरानी के बिना आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा होने के साथ ही मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी और घुसपैठ बड़ी समस्या बन सकती है। ऐसे में रक्षा विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार का ध्यान इस गंभीर खतरे की ओर जरूर होगा और इस कारण रक्षा मंत्रालय के बजट में इस बार अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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