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UPI Frauds : यूपीआई फ्रॉड रोकने की कोशिश, अनजान लेनदेन में होगी 4 घण्टे की वेटिंग
UPI Frauds : साइबर फ्रॉड के मामलों में काफी तेजी आई है और इसे लेकर सरकार चिंतित हो रही है. फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं...
UPI Frauds : भारत में यूपीआई फ्रॉड काफी बढ़ते जा रहे हैं। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों में डिजिटल भुगतान श्रेणी में सबसे अधिक धोखाधड़ी देखी गई। वित्त वर्ष 2023 में बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ी के जितने मामल देखे गए उसमें कुल 30,252 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। अब इसे रोकने के लिए सरकार जल्द ही एक नया नियम लागू करने की योजना बना रही है।
नया नियम
सरकार दो लोगों के बीच पहली बार होने वाले एक निश्चित राशि से अधिक के लेन-देन के लिए न्यूनतम समय सीमा लागू करने की योजना बना रही है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना के तहत दो यूजर्स के बीच पहली बार अगर 2,000 रुपये से अधिक का लेनदेन होता है तो उसे प्रोसेस होने में चार घंटे की विंडो शामिल कर दी जाएगी। उस विंडो में, यूपीआई यूजर के पास पहली बार किसी को किए गए भुगतान को वापस करने या संशोधित करने के लिए चार घंटे होंगे। मतलब ये कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से लेनदेन कर रहे हैं जिससे पहले कभी लेनदेन न किया हो और ये दो हजार रुपए से ज्यादा का है तो पैसा जाने में चार घण्टे लगेंगे। किसी गलती या फ्रॉड की स्थिति में आप इस चार घण्टे के दौरान अपनी गलती सुधार सकते हैं।
इस नियम की जरूरत क्यों पड़ी नियम क्यों लाया जा रहा है?
हालांकि 4 घण्टे की प्रस्तावित प्रक्रिया से डिजिटल भुगतान में कुछ बाधा आने की उम्मीद है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि साइबर सुरक्षा चिंताओं को कम करना आवश्यक है। यदि नियम को अंतिम रूप दिया जाता है, तो यह उपाय तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), रीयल-टाइम सकल निपटान (आरटीजीएस), और यहां तक कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से डिजिटल भुगतान की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर कर सकता है। ध्यान रखें कि यह योजना दो यूजर्स के बीच हर पहले लेनदेन को रेगुलेट करने के लिए है, भले ही उनका पिछला लेनदेन इतिहास कुछ भी हो।
उदाहरण के लिए, वर्तमान में, जब कोई उपयोगकर्ता नया यूपीआई खाता बनाता है, तो वह पहले 24 घंटों में अधिकतम 5,000 रुपये भेज सकता है। इसी तरह नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के मामले में, लाभार्थी के सक्रिय होने के बाद पहले 24 घंटों में 50,000 रुपये (पूर्ण या आंशिक) ट्रांसफर किए जा सकते हैं। लेकिन, नई योजना के अनुसार हर बार जब कोई यूजर किसी अन्य यूजर को 2,000 रुपये से अधिक का पहला भुगतान करता है जिसके साथ उन्होंने पहले कभी लेनदेन नहीं किया है तो चार घंटे की समय सीमा लागू होगी।