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Vertical Farming: बिना खेत के तैयार होगी फसल, शुरू हो गई वर्टिकल फार्मिंग, पैदावार और कमाई जानकर उड़ जाएंगे होश
Vertical Farming: कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्टिकल फार्मिंग के जरिये किसान 1 एकड़ में 100 एकड़ के बराबर की फसल उत्पादन कर सकता है। ऐसे में यह कमाई लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में बैठती है।
Vertical Farming: टेक्नोलॉजी से लोगों का आम-जनजीवन ही नहीं बदला है,बल्कि इसका असर खेती किसानी पर भी दिखाई देने लगा है। एक जमाना था कि अधिक फसल उगाने के लिए अधिक खेत की जरूरत पड़ी थी, लेकिन जैसे जैसे दुनिया में टेक्नोलॉजी का विस्तार होने लगा वैसे वैसे अधिक फसल तैयार करने के लिए अधिक खेतों की जरूत कम हो गई। कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के आ जाने से अब किसान खेतों के साथ अन्य जगहों पर भी फसलों को उगाने लगे हैं। इससे हो क्या रहा है कि उनके उत्पादन में बढ़ोतरी हो हुई है, साथ ही, खेती करने के लगात में भी कमी आई है। अगर किसान है और आपके आप अधिक जमीन नहीं है, लेकिन चाहते हैं कि सीमित साधन अधिक फसलों को पैदावार कर सकते हैं तो आपके लिए वर्टिकल फार्मिंग (Vertical Farming) से खेती करना सबसे अच्छा विकल्प है। इस नई टेक्नोलॉजी की खेती के लिए किसान को अधिक जमीन की जरूरत नहीं पड़ती है। वह कम जमीन में अधिक फसल पैदा कर लेता है और इससे कमाई भी शानदार होती है।
भारत में शुरू हो चुकी खेती
इजराइल देश के खेती के लिए वर्टिकल फार्मिंग तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अब धीरे धीरे भारत में भी इसका चलन बढ़ाने लगा है। इस नई टेक्नोलॉजी के माध्मय से किसी सीमित स्थान पर फल और सब्जियां की खेत कर अधिक पैदावार की जा सकती है। भारत में वर्टिकल फार्मिंग से जुड़ी एक कंपनी काम कर रही है, जिसका नाम A S Agri and Aqua LLP है। यह कंपनी इस टेक्नोलॉजी के जरिये हल्दी की खेती कर रही है। वर्टिकल फार्मिंग से खेत में बल्कि खेत के ऊपर फसल तैयार की जाती है। यहां से किसान एक एकड़ में इस टेक्नोलॉजी की खेती करता है तो वह आराम से 100 एकड़ की पैदावारी कर सकता है। आईये जानते हैं कि इस टेक्नोजॉली की खेती बारे में
कैसे होती वर्टिकल फार्मिंग ?
किसान भाई अगर वर्टिकल फॉर्मिंग करना चाहता हैं तो इसके लिए उन्हें एक बड़ा सेट तैयार करना होगा। इसके लिए 2-3 फुट के लंबे और चौडे कंटेनर्स में वर्टिकल तरीके से पाइस लगाए जाते हैं। इसका ऊपरी हिस्सा खुला रहता है। यहां का तापमान 12 से 26 डिग्री सेल्सियस रहता है। फार्मिंग भले ही टेक्नोलॉजी को लेकिन मिट्टी का उपयोग यहां पर भी होता है। तापमान को कंट्रोल करने लिए फॉगर्स लगाए जाते हैं। जैसे ही तापमान बढ़ने लगता है वैसे ही पानी के फुहारों की बरसात होने लगती है और तापमान सामान्य हो जाता है। इसको खड़ी खेती भी कहा जाता है। यह इमारतों और अपार्टमेंट की दीवारों का उपयोग कर होती, सकती है। यहां पर छोटी मोटी फसल तैयार कर सकते हैं। दरअसल, वर्टिकल फार्मिंग एक मल्टी लेवल प्रणाली है। यहां पर कमरों में बहु-सतही ढांचा खड़ा किया जाता है, जो कमरे की ऊंचाई के बराबर होते हैं। वर्टिकल ढांचे के सबसे निचले खाने में पानी से भरा टैंक रख दिया जाता है। टैंक के ऊपरी खानों में पौधों के छोटे-छोटे गमले रखे जाते हैं। पंप के जरिए इन तक काफी कम मात्रा में पानी पहुंचाया जाता है। इस पानी में पोषक तत्व पहले ही मिला दिए जाते हैं। इससे पौधे जल्दी-जल्दी बढ़ते हैं।
इन चीजों को होती है खेती
मशरूम की वाणिज्यिक खेती वर्टिकल खेती का सबसे आम उदाहरण है। वर्टिकल खेती में अधिकांश लेटिस, ब्रोकली, औषधीय एवं सुगंधित जड़ी-बूटियां, फूल और साज-सज्जा के पौधे, टमाटर, बैगन जैसी मझोली आकार की फसलें और स्ट्रॉबेरी जैसे फल उगाते जाती हैं। इस विधि से होने वाली खेती में फसलों में बीमारियों, कीटों और कीटनाशकों से मुक्त होते हैं। आम तौर पर इनकी गुणवत्ता बहुत बेहतर होती है, इससे उनके दाम भी ज्यादा होते हैं।
वर्टिकल फार्मिंग से कमाई
वर्टिकल फार्मिंग से किसान भाई जोरदार कमाई कर सकते हैं। इस विधि किसान सीमित जमीन पर अधिक पैदावार कर सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि वर्टिकल फार्मिंग के जरिये किसान 1 एकड़ में 100 एकड़ के बराबर की फसल उत्पादन कर सकता है। ऐसे में यह कमाई लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में बैठती है।