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Wedding Budget Tips: आपके घर में भी है शादी...इन तरीकों को अपनाकर कम पैसे में भव्य बनाएं समारोह
Wedding Budget Tips: तिथि सूची और स्थान दो दोनों चीजें हर शादी में काफी महत्वपूर्ण होती हैं और यही आपकी शादी का बजट तय करती हैं।
Wedding Budget Tips: देव उत्थान एकादशी से भारत में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। देश में जमकर शादी ब्याह हो रहे हैं और लोग इन शादियों में दिल खोलकर पैसा खर्च कर रहे हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, इस सीजन में भारत में शादी ब्याह में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की संभावनाएं हैं, जो कि यह राशि कुछ देशों के बजट से अधिक है। लोगों की शादियों में अनुमानित खर्च तीन लाख रुपये शुरू होकर एक करोड़ रुपये और उससे अधिक तक जाता है। हर किसी की तमन्ना होती है कि वह अपनी शादी को एक भव्य इवेंट बनाने के लिए अधिक से धन खर्चा करे। कुछ लोग ऐसा करते भी हैं। करना भी चाहिए, क्योंकि जीवन में यह महत्वपूर्ण पल एक ही बार मिलता है। लेकिन उसके बाद भी इस शादी में बढ़े हुए बजट को लेकर चिंतत हैं तो चिंता की कोई बाद नहीं, हम इस लेख में इस बात की जानकारी देंगे कि कैसे आप अपनी शादी का बजट कम कर सकते हैं।
एक लक्ष्य निर्धारित करें और बारीकी से देखें
अतिथि सूची और स्थान दो दोनों चीजें हर शादी में काफी महत्वपूर्ण होती हैं और यही आपकी शादी का बजट तय करती हैं। वेडिंगवायर इंडिया में मार्केटिंग प्रमुख अनम जुबैर कहना है कि अपनी शादी की योजना बनाना एक तनावपूर्ण प्रक्रिया होती है। लेकिन शुरुआत में बजट निर्धारित करने से आपको रचनात्मक प्रवाह को सही दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी। काम को सरल बनाने के लिए आप एक बजटिंग टूल का विकल्प चुन सकते हैं। भारत में औसत व्यक्ति शादी के समय समारोहों, जरूरतों या शादी से संबंधित वस्तुओं पर अपनी कुल संपत्ति का 20 प्रतिशत हिस्सा खर्च करता है। ऐसे में यथार्थवादी बजट बनाना और उस पर टिके रहना न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक खुशी के उत्सव और अनावश्यक कर्ज के बीच अंतर भी ला सकता है।
बजट के अंदर कार्यक्रम के स्थान को चुनना
एक बैंक्वेट हॉल, एक पांच सितारा होटल में लॉन या एक क्लब, एक समुद्र तट या सिर्फ एक सामुदायिक हॉल यह स्थान आपके शादी के बचट को बना या फिर बिगाड़ सकता है। वेडिंग एक्सपर्ट का कहना है कि सभी आयोजनों के लिए एक ही स्थान का चयन कई स्थानों की तुलना में लागत-बचत का लाभ देता है। किफायती शादियों के लिए सामुदायिक हॉल सबसे अधिक बजट-अनुकूल विकल्प के रूप में उभरे हैं। ऑफ-पीक सीज़न की शादियों का विकल्प चुनने और सभी कार्यक्रमों को एक ही स्थान पर आयोजित करने से पर्याप्त बचत हो सकती है, जो कुल बजट का 20-30 प्रतिशत तक होती है।
शादी की तारीखें
अब आप सोच रहे होंगे कि शादी की तारीख कैसे बजट में अपना प्रभाव डालती है। तो बता दें कि तारीखें आपके बजट में अपना प्रभाव जरूर डालती हैं। अगर आपकी शादी की पीक सीजन में है तो यकीन मनिए यह आपके बजट में अपना प्रभाव डालेगी,क्योंकि इस समय मांग अधिक होने की वजह से हर चीजें महंगी मिलेंगी। ऑफ-पीक और पीक सीजन के बीच का अंतर काफी है, जो अक्सर औसतन 60-70 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। उदाहरण के लिए यदि मार्च में होने वाली शादी के लिए 10 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है तो अगस्त में इसी तरह की शादी के लिए खर्च घटाकर 5 लाख 6 लाख रुपये पहुंच जाता है, क्योंकि ऑफ-पीक सीज़न के दौरान डेस्टिनेशन वेडिंग का विकल्प चुनने पर आपको भारी छूट मिलेगी और आपके मेहमान कई उपहारों का आनंद लेंगे।
शादी के खरीदारी के लिए विक्रेता नियुक्त
अगर आप शादी की खरीदारी के लिए एक ही विक्रेता को चुनते हैं यानी आपके घर की शादी के सामना की शॉपिंग एक विक्रेता से होती है तो इससे आपके बजट में काफी बचत होती है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपके घर की शादियों के कपड़ों की शॉपिंग कानपुर के जरनलगंज के XXX नाम दुकान से होती है, ऐसे में आप जब भी इस दुकान पर शॉपिंग के लिए जाएंगे तो आपको मार्जिन रेट पर कपड़े मुहैया करवाएगा। ऐसी ही स्थिति हर सामनों की खरीदारी के साथ होती है, इसलिए हमेशा कोशिश करें, शादी की शॉपिंग अपने स्थानीय विक्रेता से करने के कोशिश करें।
जानिए शादियों के सीजन के चरण
बता दें कि शादी के सीजन का पहला चरण 23 नवंबर देव उत्थान एकादशी के दिन से शुरू हो चुका है। यह पहला चरण 15 दिसंबर तक चलेगा। उसके बाद शुभ दिन जनवरी के मध्य से शुरू होंगे और शादी के सीज़न का यह चरण जुलाई 2024 तक जारी रहेगा।