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शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद, जानिए सप्ताह भर में निफ्टी-सेंसेक्स का हाल
मुंबई: बीते सप्ताह देश के शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए, जिसमें सबसे ज्यादा तेजी फार्मा और वाहनों के शेयरों में रही। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 585.09 अंकों या 1.85 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 32,272.61 अंकों पर बंद हुआ तथा निफ्टी 150.60 अंकों या 1.52 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,085.40 पर बंद हुआ।
वहीं, बीएसई का मिडकैप सूचकांक 217.99 अंकों या 1.38 फीसदी की तेजी के साथ 15,972.74 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 362.56 अंकों या 2.22 फीसदी की तेजी के साथ 16,687.76 पर बंद हुआ।
सोमवार को सेंसेक्स सकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण 194.64 अंकों या 0.61 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,882.16 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 276.50 अंकों या 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 32,158.66 पर बंद हुआ।
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बुधवार को बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला और सेंसेक्स 27.75 अंकों या 0.09 फीसदी की तेजी के साथ 32,186.41 पर बंद हुआ। गुरुवार को भी शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रहा और सेंसेक्स 55.52 अंकों या 0.17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 32,241.93 पर बंद हुआ।
शुक्रवार को सेंसेक्स 30.68 अंकों या 0.1 फीसदी की तेजी के साथ 32,272.61 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे- सन फार्मा (11.2 फीसदी), ल्यूपिन (4.02 फीसदी), बजाज ऑटो (3.71 फीसदी), रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.21 फीसदी), एक्सिस बैंक (4.93 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (3.43 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (0.04 फीसदी), टाटा मोटर्स (6.99 फीसदी) और डॉ. रेड्डी (2.38 फीसदी)।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे- हीरो मोटोकॉर्प (1.54 फीसदी), आईटीसी (1.14 फीसदी), एचडीएफसी (0.42 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (0.24 फीसदी), भारती एयरटेल (1.29 फीसदी) और विप्रो (4.88 फीसदी)।
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भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपनी साप्ताहिक मौसम रिपोर्ट में कहा कि मॉनसून के दौरान 13 सितंबर तक समूचे देश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है।
दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून जो जून से सितंबर तक रहता है, देश के कृषि क्षेत्र के लिए काफी जरुरी है, क्योंकि अभी भी खेती का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बारिश पर ही निर्भर है।
व्यापक आर्थिक आंकड़ों में खाद्य पदार्थो और ईधन की कीमतों में हुई तेज बढ़ोतरी के कारण देश के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर अगस्त महीने में लगभग दोगुनी होकर 3.24 फीसदी रही।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में थोक महंगाई दर 1.88 फीसदी रही थी जबकि अगस्त 2016 में यह दर 1.09 फीसदी थी।
मंत्रालय के मुताबिक, "अगस्त 2017 की थोक महंगाई दर 3.24 फीसदी रही है, जबकि जुलाई में यह 1.88 फीसदी थी और अगस्त 2016 में 1.09 फीसदी थी। इस वित्त वर्ष की बिल्ट इन महंगाई दर 1.41 फीसदी रही है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 3.25 फीसदी थी।"
थोक कीमतें जुलाई में बढ़कर 1.88 फीसदी हो गई, जबकि जून में यह 0.90 फीसदी और मई में 2.26 फीसदी पर थी।
मंगलवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वय मंत्रालय ने अगस्त के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को जारी किया, जिसमें खाद्य पदार्थो की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वय मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 1 फीसदी की तेजी दर्ज की गई और यह 3.36 फीसदी रही, जबकि जुलाई में यह 2.36 फीसदी थी।
समीक्षाधीन अवधि में क्रमिक आधार पर देश के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) में जुलाई की तुलना में 1.52 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
हालांकि साल-दर-साल आधार पर अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति दर कम रही है, क्योंकि पिछले साल अगस्त में यह 5.05 फीसदी थी।
साल-दर-साल आधार पर शहरी क्षेत्रों में महंगाई दर 3.35 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में 3.30 फीसदी रही।
पिछले महीने की मंदी के बाद देश के औद्योगिक उत्पादन में जुलाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और यह 1.2 फीसदी रही, जबकि जून में यह 0.16 फीसदी थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के संशोधित आधार वर्ष 2011-12 वाले सूचकांक में जून के दौरान विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के कारण कमी दर्ज की गई थी और यह -0.1 फीसदी रही थी, जबकि मई में यह 2.80 फीसदी पर थी।
साल 2016 के जुलाई में औद्योगिक उत्पादन 4.5 फीसदी पर थी। साल 2017 के अप्रैल-जुलाई के दौरान साल-दर-साल आधार पर यह 1.7 फीसदी थी, जोकि पिछले साल के समान अवधि 6.5 फीसदी थी।
-आईएएनएस