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Wheat Export Ban: गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा जारी, नई फसल में रिकॉर्ड उत्पादन की संभावना...बोले FCI प्रमुख
Wheat Export Ban: एफसीआई अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने कहा, कि बेमौसम बारिश के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है। बारिश के बाद भी इस साल गेहूं का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन रहेगा।
Wheat Export Ban: घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और घरेलू आपूर्ति पर्याप्त न होने की वजह से निर्यात पर प्रतिबंध आगे भी जारी रहेगा। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के प्रमुख अशोक के मीणा (FCI chief Ashok K Meena) ये जानकारी दी। मीणा ने उम्मीद जताई कि हाल के दिनों में हुई बारिश से गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा। गेहूं का उत्पादन अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेगा। एफसीआई प्रमुख ने कहा कि, मध्य प्रदेश में 10,727 टन गेहूं की खरीद हुई है। देशभर में गेहूं की खरीद जारी है।
गौरतलब है कि, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद मई 2022 में गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी। पिछले साल 13 मई को सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों और उत्पादन में गिरावट के बाद गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। केंद्र सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा (Food Security) स्थिति का प्रबंधन करने तथा पड़ोसी और कमजोर देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित किया था। वैश्विक बाजार (Wheat Export in Global Market) में बदलाव और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति न होने की वजह से भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
FCI प्रमुख का दावा, गेहूं का होगा रिकॉर्ड उत्पादन
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने मंगलवार (28 मार्च) को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा, कि बेमौसम बारिश के कारण गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है। बारिश के बाद भी इस साल गेहूं का कुल उत्पादन रिकॉर्ड 11.2 करोड़ टन रहेगा। उन्होंने कहा, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राष्ट्र भारत ने मई 2022 में बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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निर्यात प्रतिबंध जारी रहेगा
अशोक मीणा ने कहा, 'जहां तक आम आदमी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का संबंध है, गेहूं के किसी भी निर्यात की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसलिए, जब तक देश आपूर्ति को लेकर सहज महसूस नहीं करता, तब तक गेहूं पर निर्यात प्रतिबंध जारी रहेगा। उन्होंने कहा, कि इस साल अनुमानित उच्च गेहूं उत्पादन इंडियन मार्केट में सरकारी खरीद और सामान्य खपत दोनों के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।'
मौसम में उतार-चढ़ाव का नई फसल पर कैसा असर?
कृषि मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में रिकॉर्ड 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। मीणा ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। मीणा ने कहा, बारिश चिंता का कारण है। क्योंकि यह अनाज की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। बारिश का साथ देने वाले कारक ये हैं कि तापमान नीचे आता है। पूर्ण परिपक्वता के लिए गेहूं की फसल के लिए कम तापमान अच्छा होता है। इसलिए, गेहूं के उत्पादन की अनुमानित मात्रा प्राप्त होने की संभावना है।'