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Inflation: आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर, महंगाई ने तोड़ा 16 महीने का रिकॉर्ड, रोजमर्रा वस्तुओं के बढ़े दाम
WPI Inflation Data: मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार जून 2024 में महंगाई दर पॉजिटिव रहा। महंगाई दर में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह खान-पान की चीजें महंगी होना माना गया है।
WPI Inflation Data: आर्थिक मोर्चे पर लोगों को लगातार झटका मिला रहा है। पहले खुदरा महंगाई दर ने लोगों को परेशान किया था, अब थोक महंगाई दर से आम आदमी को दो-दो हाथ करना पड़ा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने जून महीने के थोक महंगाई दर (WPI Inflation Data) के आंकड़े जारी कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, सब्जी के दामों में बेतहाशा वृद्धि की वजह से जून में थोक महंगाई दर जून में बढ़कर 16 महीने के उच्चस्तर पर पहुंच गई। इस इजाफे साथ यह इसका लगातार चौथा महीना है, जब WPI Inflation में बढ़ोतरी देखने को मिला है।
लगातार चार महीने देखा इजाफा
मंत्रालय के मुताबिक, जून में थोक महंगाई दर चौथे महीने बढ़कर 3.36 फीसदी पर पहुंच गई। यह मई में 2.61 फीसदी पर थी। पिछले साल जून, 2023 में थोक महंगाई दर (-) 4.18 फीसदी थी। हालांकि इस बार यह 3 फीसदी से अधिक पर दर्ज की गई है। मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार जून 2024 में महंगाई दर पॉजिटिव रहा। महंगाई दर में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह खान-पान की चीजें महंगी होना माना गया है।
इन चीजों के दाम बढ़ने से बढ़ी महंगाई
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, जून, 2024 में महंगाई बढ़ने की मुख्य वजह खाद्य पदार्थों, कच्चे तेल तथा प्राकृतिक गैस, खनिज तेल तथा अन्य विनिर्मित वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि है। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई जून में 10.87% बढ़ी, जबकि मई में यह 9.82% थी। सब्जियों की महंगाई दर जून में 38.76% रही, जो मई में 32.42% थी। प्याज की महंगाई दर 93.35% जबकि आलू की महंगाई दर 66.37% रही। दालों की महंगाई दर जून में 21.64% रही। आलोच्य महीने में फलों की महंगाई 10.14%, अनाज 9.27% और दूध की महंगाई दर 3.37% रही। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून, 2024 में थोक महंगाई में वृद्धि व्यापक थी। ईंधन और बिजली को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रों में दाम बढ़े हैं।
जून में कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मूल्य वृद्धि दहाई अंक में 12.55% रही। विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति जून में 1.43% थी, जो मई के 0.78% से अधिक है।
पांच माह बाद बढ़ी खुदरा महंगाई
इससे पहले मंत्रालय ने शुक्रवार को देश की जून महीने की खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किये थे, लोगों के इससे भी झटका मिला था। खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण जून में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर पांच महीनों में पहली बार इजाफा देखने को मिला था और यह 5.1 फीसदी पर पहुंच गई थी। दरअसल, इसी वजह की वजह नीति निर्माता भारत के उत्तरी राज्यों में भीषण गर्मी और भारी बाढ़ से प्रभावित प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं।