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Windfall Tax on Crude: शायद और सस्ता हो जाए पेट्रोल और डीजल, केंद्र सरकार ने लिया यह फैसला
Windfall Tax on Crude: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कच्चे तेल के उत्पादन पर अपने विंडफॉल टैक्स को 3,500 रुपये ($ 42.56) प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया है। इससे पहले सरकार ने मार्च में विंडफॉल टैक्स में इजाफा किया था और इस पर यह कर 4400 रुपये प्रति टन था।
Windfall Tax on Crude: भारत में पेट्रोल डीजल के भाव की सस्ता होने की राह देख रहे लोगों के लिए शायद आने वाले दिनों में कोई बड़ी खबर आ जाए। बीते कई महीनों से देश में पेट्रोल डीजल का भाव केंद्र सरकार ने रोक रखा है और ऊपर से ग्लोबल मार्केट के में कच्चे तेल भाव में गिरावट भी चल रही है। ऐसा में जनता को उम्मीद थी कि आने वाले दिनों देश में पेट्रोल डीजल के दाम में और गिरावट हो सकती है, लेकिन अभी तक इन तेल कंपनियां ने ऐसा नहीं किया है। हालांकि अब कुछ ऐसी उम्मीदें जगीं हैं कि शायद आने वाले दिनों जनता को इस महंगाई के बीच पेट्रोल डीजल के भाव में और राहत मिल जाए।
विंडफॉल टैक्स घटकर हुआ शून्य
केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स, पेट्रोल डीजल और एटीएफ पर एक्सपोर्ट ड्यूटी पर बड़ा फैसला लिया है। एक सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कच्चे तेल के उत्पादन पर अपने विंडफॉल टैक्स को 3,500 रुपये ($ 42.56) प्रति टन से घटाकर शून्य कर दिया है। इससे पहले सरकार ने मार्च में विंडफॉल टैक्स में इजाफा किया था और इस पर यह कर 4400 रुपये प्रति टन था। इसके अलावा, डीजल के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को भी घटा दिया है। सरकार ने ATF और पेट्रोल पर स्पेशल एडिशनल एक्सपोर्ट ड्यूटी (SAED) को घटाकर 0.5 रुपये प्रति लीटर पर कर दिया है। इससे पहले इस पर सरकार 1 रुपये प्रति लीटर SAED लेती थी। सरकार का यह फैसला मंगलवार यानी 4 अप्रैल से ही लागू हो गया है।
पिछले साल जुलाई में लगा था विंडफॉल गेन टैक्स
दरअसल, वैश्विक बाजारों में मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन का लाभ उठाने के लिए निजी रिफाइनरों को ईंधन उत्पादों को विदेशों में भेजने के बजाय घरेलू रूप से बेचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछली जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादकों और गैसोलीन, डीजल और विमानन ईंधन के निर्यात पर अप्रत्याशित कर लगाया। सरकार ने पहली बार जुलाई, 2022 में विंडफॉल गेन टैक्स लगाया था। उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया था। वहीं, घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स भी लगाया था।
फिर बढ़े ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल के भाव
कमजोर मांग के भय से ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें LCOc1 (LCOc1 is a code for Brent Crude futures) पिछले महीने 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब फिसल गई, जो 15 महीने का निचला स्तर है। हालांकि इस हफ्ते तेल कंपनियां के संगठन ओपेक+ द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कम करने के फैसले बाद के एक बार फिर से इसमें तेजी आई है। और वर्तमान में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल कीमत 85 डॉलर के ऊपर चली गई है।