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रायबरेली: तीन दिन से धरने पर बैठे हैं एंबुलेंसकर्मी
जिले में जीवन दायिनी 102 और 108 एंबुलेंस रिस्पांस नहीं दे रही है। चालक लगातार तीन दिन से धरने पर बैठे हुए हैं। इस दौरान बीमार व्यक्तियों को एंबुलेंस के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।
रायबरेली जिला अस्पताल के सामने जीवनदायिनी 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों का का धरना प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है। जिले की सभी एंबुलेंस सेवाओं को चक्का जाम किया गया है। एंबुलेंस चालक संगठन के नेता जिला अस्पताल के सामने नारेबाजी कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। ठेका प्रथा बंद करो, कोरोना योद्धाओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान, अभी करो अर्जेंट करो हम को परमानेंट करो, इस तरह की नारेबाजी कर यूनियन के नेता अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ जिले में तमाम ऐसी सूचनाएं मिली हैं। जिसमें लोग एंबुलेंस के अभाव में काफी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
यूनियन के नेता ने कहा कि हमारे बारह सौ कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से निकाल दिया है। उनको समायोजित किया जाय। जब देश कोरोना से जूझ रहा था तो लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे थे। सरकार 2 गज दूरी मास्क है जरूरी का नारा दे रही थी। उस समय हम लोग बीमार लोगों को अस्पताल तक अपनी जान की बाजी लगाकर पहुंचा रहे थे। अब सरकार हम लोगों की मदद करने के बजाय नौकरी से ही बाहर निकाल रही है। जब हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तो हम लोग पुनः आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। संगठन की ओर से ये भी कहा गया है कि हमारे जो लोग कोरोना वायरस में शहीद हुए हैं उनको 50 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने के साथ एंबुलेंस कर्मचारियों का विलय एनआरएचएम में किया जाय।
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