बैंगलोर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच बल्लेबाज की पक्षधर है, जिसका उदाहरण यहां खेले गए आखिरी वनडे में 367 रन बनाने की ऑस्ट्रेलिया की हालिया उपलब्धि है। हालांकि स्पिनरों को पिच से कुछ मदद मिल सकती है, लेकिन मैदान का आकार छोटा होने के कारण बल्लेबाजों को बड़े शॉट मारने में मदद मिलती है।