प्रियंका गांधी का जनसभा में भाषण

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Published on: 2021-12-19 09:20:28.0

रायबरेली - प्यारी बहनों आपका सभा में बहुत-बहुत स्वागत है। दो साल पहले मुझे कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया। तबसे मैं उत्तर प्रदेश में जगह-जगह जा रही हूं और लोगों से मिल रही हूं। कुछ साल पहले उन्नाव में एक लड़की का बलात्कार हुआ था और उसके बाद उसको जलाया गया था और उसकी हत्या हुई थी। मैं उस लड़की के घर गई थी उस लड़की के घर में उसकी भाभी थी मैं कम से कम 1 घंटे उस लड़की के घर में थी। उसके पिताजी ने मुझे कुछ नहीं बताया। उसकी छोटी बेटी को धमकाया गया। उसके परिवार को धमकाया गया। उसके पिताजी को पीटा गया। उसके पिताजी ने कुछ नहीं कहा। कुछ समय बाद वह फूट-फूट कर रोने लगे।

अचानक फिर उन्होंने मुझसे कहा कि बेटी! मेरी बेटी मेरे बेटे से भी बढ़कर थी। मेरी बेटी के साथ जो कुछ भी हुआ वह घबराई नहीं, वह लड़ी। उसने मुझसे कहा कि पापा तुम मेरे साथ मत आओ मैं अकेले जाऊंगी। अकेले ट्रेन में वह जाना चाहती थी। उसके बाद कई ऐसे हादसे हुए। हाथरस में एक लड़की का बलात्कार किया गया। रात में उसका अंतिम संस्कार किया गया। उसके माता-पिता ने उसका चेहरा भी नहीं देखा। पुलिस प्रशासन ने उसके मां-बाप को उसका चेहरा तक देखने नहीं दिया। कुछ समय पहले मैं ललितपुर गई वहां पर 2 किसानों ने आत्महत्या की। वहां पर उस किसान की बेटी कविता में बताया कि मेरी मां अकेली पड़ जाएगी उसका देखभाल कौन करेगा। लड़की की नई-नई शादी हुई थी। मेरे मन में आया कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं पर इतना अत्याचार हो रहा है।

किसान ने आत्महत्या की अंत में उसका भी बोझ एक महिला उठा रही है। बार-बार यही दिखता है जहां जहां मैं जाती हूं कि महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। यहां तक कि जब मैं गिरफ्तार हुई। सीतापुर में मेरी पुलिस की बहने यहां खड़ी हुई हैं। महिला पुलिस की बहनों का कर्तव्य था उन्होंने अपना फर्ज निभाया। 4:00 बजे मुझे गिरफ्तार करके ले गए एक नाम रिचा था और एक का नाम मधु। मेरे मन में आया कि यह घटना 4:00 बजे की है। यहां सड़क पर खड़ी हैं। अपनी ड्यूटी कर रही है। अच्छे घर से हैं। घर जाकर परिवार भी संभालना पड़ेगा।

मैंने उनसे बात की उसके बाद उन्हें घर भी जाना पड़ता है और उन्हें परिवार भी संभालना पड़ता है तो हर जगह जहां पर देखिए महिला का शोषण हो रहा है मेरे मन में आया की इस पर कुछ काम करना चाहिए हम क्या कर सकते हैं। हम सिर्फ आपको समझा सकते हैं कि अपने अधिकारों के लिए लड़ो, हमने एक महिला का घोषणा पत्र तैयार किया है। परिवर्तन लाना है तो हम सब को एकजुट होकर लाना होगा।

हमें समझना होगा कि हम देश की आधी आधी आबादी कोई हमें राजनीति में सीरियस क्यों नहीं ले रहा है मुझसे दिल्ली में मिलने कोई क्यों नहीं आ रहा है चाहे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं या आशा बहू में हो आप बताइए अगर सारी महिलाएं एकजुट हो जाएं कितना बड़ा परिवर्तन आ सकता है हमें चाहिए विकास की राजनीति अगर इस देश की सारी महिलाएं एकजुट हो जाए और एक आवाज उठाएं और कहे कि अगर हमें ऐसा राजनीति दो तो क्यों नहीं देश की राजनीति बदल जाएगी। हमने कहा महिलाएं अपनी शक्ति पहचानो और एकजुट हो जाओ हमने नारा दिया कि लड़की हूं लड़ सकती हूं।

एक घोषणा पत्र दिया बाकी पार्टियों ने इसके बाद घोषणा शुरू कर दी और आशा बहुओं का मानदेय कल परसों में ही बढ़ा दिया है उनको पता चल गया है कि महिलाएं लड़ सकती हैं और परसों प्रधानमंत्री जी एक ऐसी सभा करने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने केवल महिलाओं को ही बुलाए गए हैं मैं तो बहुत खुश हूं सारी पार्टियां कह रही है कि अगर उन्होंने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया तो महिलाएं हमें वोट नहीं देंगी। देखिए हमने छोटी बहन की और कितना बड़ा बदलाव हो गया। लेकिन एक मानसिकता होती है अब आप अगर इस मंच पर खड़ी है तो इसका मतलब आप की माता ने संघर्ष किया है आपके लिए।

कल अमेठी में मैं मस्त थी वहां पर मेरे साथ मंच पर रमाकांति थी कुछ साल पहले जब मुझे मिली तभी वह कांग्रेस में शामिल हुई थी और उसने मुझे अपनी कहानी बताइ, उसने बताया कि जब उसकी शादी हुई उसकी बेटी हुई तो वह अपनी बेटी को पढ़ा नहीं सकी। जब सब लोग खेतों में काम करने चले जाते थे तो रमाकांति साड़ी में फॉल लगाती थी और जब सब लोग घर में नहीं होते थे तो उस फाल को बाजार में बेच देती थी उसके बाद उसने चुपचाप अपनी बेटी को स्कूल भेजना शुरू किया। बाद में उसके ससुर और सास ने उसको डांटा तो उसने अपने सास-ससुर से सौदा किया कि मुझे उसको भेजने दो इसकी पढ़ाई की फीस मैं भर लूंगी तो सब मान गए। रमाकांति जब मेरे से कल मिली तो उसकी बेटी मेरे साथ थी उसने कॉलेज पास करने के लिए संघर्ष किया। बेटी के लिए मां इसलिए संघर्ष करती है क्योंकि वह अपना संघर्ष अपनी बेटी को नहीं देना चाहती है।

आपको कितनी बार कहा गया आप महिला हो आप मेरे सहने की शक्ति है आप सह लो आप सब ने सुना है सब को कहते हुए आपको भगवान ने अपने पैरों पर खड़े होने की स्थिति है वह शक्ति पहचानो सबसे बड़ी शक्ति होती है लोकतंत्र में सपोर्ट होता है सोच समझकर वोट देना है आपको आज से यह समझ लो जो महिला को सशक्त होने का वादा नहीं करता। उसे वोट नहीं देना है।

यह मत सोचिए कि आपको सिलेंडर दे दिया आपको शौचालय दे दिया यह महिलाओं को सशक्त करने का माध्यम नहीं है आपको पढ़ाई लिखाई आपको नौकरी दें समाज में ऐसा माहौल बनाएं कि आप के साथ अत्याचार ना हो और आपका शोषण होता है महिला पर अत्याचार होता है तो आरोप भी महिला पर लगा दिया जाता है इसके अलावा महिलाओं का एफ आई आर दर्ज नहीं किया जाता है जो यह हो रहा है वह गलत हो रहा है। बहुत चुप रहे हैं और आप अपनी शक्ति को नहीं पहचान रहे। मानसिकता बदलनी है तो आज शुरुआत हुई है अपने लिए खुद लड़ना पड़ेगा। लड़ो मैं तुम्हारे साथ हूं जितनी भी शक्ति मुझ में है। वह तुम्हारे साथ है। राजनीतिक शक्ति कांग्रेस पार्टी की पूरी तुम्हारे साथ है। मैं खड़ी रहूंगी तुम्हारे साथ और साथ में हम परिवर्तन लाएंगे । एक साथ रहकर हम इस देश और प्रदेश को बदलेंगे।

महिलाओं को नकार नहीं कर सकते महिला चुप नहीं रह सकती महिला अपना हक मांगेगी हमारा जो घोषणा पत्र है उसमें हमने तमाम ऐसी चीज दी है यहां से जाते वक्त आप इस घोषणा पत्र को ले लीजिएगा इतना भी 40% रोजगार है वह महिलाओं को मिलेगा इस तरीके से बहुत सारी योजनाएं हैं आशा बहुओं को 10000 का मानदेय मिलेगा। आप फिर उसके बाद आप एक परिवार को चला सकते हैं आपको मानदेय मिलेगा उसके ऊपर से आपको परिवार चलाने के लिए 10000 मिलेगा।

सरकार के पास बहुत पैसा है लेकिन सही जगह पैसा नहीं लगाया जा रहा है बड़े-बड़े हवाई जहाज में देश के प्रधानमंत्री उड़ते हैं 8000 करोड़ रुपए का हवाई जहाज है। कोरोना वायरस बहुएं ने और आंगनवाड़ी की महिलाओं ने बहुत काम किया है आपने देश की इतनी बड़ी सेवा की है तो हमारा फर्ज बनता है कि हम आपको सशक्त करें अगर हम आपको आज सशक्त नहीं करेंगे तो क्या करेंगे स्कूल की बच्चियां यहां पर बैठी हुई है यह अपना भविष्य बनाना चाहती है सरकार का काम है कि इन्हें सशक्त करें सरकार का काम है आपको मौका मिलेगा तो मैं आपसे यह कह रही हूं कि आप हमें शक्ति दीजिए हम आपको शक्ति देंगे हम सब महिलाएं हैं संघर्ष हमारा जीवन लेकिन हम जानना चाहते हैं हम अगर एकजुट हो जाएंगे तो कोई हमें रोक नहीं पाएगा।

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